बदायूँ। मानवता और समाज उत्थान के प्रति समर्पित सेवा को नई ऊंचाई प्रदान करते हुए, पशुपति अखाड़ा के प्रमुख, श्री श्री 1008 जगदाचार्य गौरीशंकराचार्य महाराज ने एक भव्य समारोह में स्वामी देवेंद्रानंद पशुपति महाराज को “महामंडलेश्वर” के पवित्र पद से विभूषित किया। यह सम्मान भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, और मानवीय कल्याण के प्रति उनकी निष्ठा को एक प्रतीक के रूप में माना गया है।श्री श्री गौरीशंकराचार्य महाराज ने समाज उत्थान की अपनी अपील में स्वामी देवेंद्रानंद से आह्वान किया कि वे इस नए पद की जिम्मेदारियों को पूर्ण समर्पण और मानवता की सेवा में अर्पित करें। उन्होंने कहा कि “महामंडलेश्वर” का पद केवल सम्मान नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने और समाज के सभी वर्गों के हित में कार्य करने का एक महायज्ञ है। स्वामी देवेंद्रानंद पशुपति महाराज ने इस अवसर पर अपनी कृतज्ञता प्रकट की और प्रतिज्ञा की कि वे समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए अपनी सेवाएँ देते रहेंगे। समारोह में उपस्थित साधु-संतों और भक्तों ने इस नियुक्ति का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया और समाज में सकारात्मक बदलाव की आशा प्रकट की। यह नियुक्ति न केवल बदायूँ बल्कि पूरे क्षेत्र में अध्यात्म, समाज सेवा और भारतीय संस्कृति की जड़ों को और मजबूत करेगी।