लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इसको लेकर कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। राइट टू एजुकेशन (आरटीई) तहत पिछले दो सत्रों में 1.14 लाख बच्चों के अलग-अलग स्कूलों में दाखिला दिलाया गया। इसमें आने वाले 436 करोड़ के खर्च का वहन सरकार की तरफ से किया गया। वर्तमान की बात करें तो करीब पांच लाख बच्चे निजी स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए लागू आरटीई के पालन का सरकार प्रयास कर रही है। वर्ष 2017 के बाद आरटीई अधिनियम का विस्तार किया गया। इसके लिए एनआईसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल भी लांच किया गया। ताकि नामांकन प्रक्रिया को डिजिटल और प्रभावी बन सके।आंकड़ों की बात करें तो शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों का नामांकन हुआ। 2024-25 में बढ़कर 1,14,196 हो गया। करीब पांच लाख से अधिक बच्चे अभी निजी विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके लिए पिछले दो वर्षों में सरकार ने करीब 436 करोड़ रुपये खर्च किए। प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि अगले सत्र में आरटीई के तहत बच्चों का समय पर नामांकन हो सके, इसके लिए चार चरणों में आवेदन प्रक्रिया कराई जाएगी। यह दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च की एक तारीख से शुरू होकर से 19 तारीख तक चलेगी। प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय कर दी गई हैं। बताया कि अभिभावकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जिलों में हेल्पडेस्क बनाई गई है। एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवकों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता फैलाई जा रही है। उन्हें बच्चों का आवेदन कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बताया कि आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों जैसे दस्तावेज बनाए जाने की प्रक्रिया सुविधाजनक की गई है।