सम्भल। हिंदुस्तान की शायरी की तारीख के मशहूर शायर अल्लामा मोजिज़ सम्भली मरहूम की याद में मिसरे तरहा पर नगर के इमामबाड़ा हजरत अबुतालिब मै महफ़िल हुई जिसमे शायरों ने अहलेबैत की शान मै कलाम पढ़कर कर खिराजे अक़ीदत पेश की। महफ़िल का आगाज कुरान ए पाक की तिलावत से हुआ ओर नाते पाक से हुआ / महफ़िल मै तस्वीर संभली ने कहा कि घर में असग़र के अली असग़र की पैदाइश हुई और एक सूरा बढ़ा कुरान के अंदर देख लो तनवीर संभली ने कहा कि बाबे हैदर छोड़ने वालों ये मंज़र देखलो हो गए इस्लाम में फ़िर्क़े बहत्तर देखलो अजहर अब्बास ने कहा कि ये कमाले हैदर ए सफ दर नहीं तो और क्या दो ही उंगली से उखाडा बाबे ख़ैबर देख लो जौहर शिकारपुरी ने कहा कि अरबाइने शह पे दुनिया से ये बोली करबला किस तरह आता है कूज़े में समंदर देखलो अरसल कुंदरकीवी ने कहा कि आए हैं सुनने फ़रिश्ते अर्श से मेरा कलाम औज पर है आज अरसल का मुक़द्दर देखलो नज़र हुसैन कुंदरकवी ने कहा कि काटली तुमने ज़बा मिसम की जाकर दार पर रुक न पाई फिरभी तुमसे मदह हैदर देखलो बाक़र ज़ैदी बरेलवी ने कहा कि हुर को लेने आए हैं ख़ुद इब्ने हैदर देख लो एक कतरे के लिए आया समंदर देख लो आरिफ़ कुंदरकी ने कहा कि हुर मला को धूल मकतल की। चटाने के लिए हो गया तैयार लो झूले में असग़र देखलो रईस अब्बास कुंदरकी ने कहा कि चंद मजलूमों की आहों ने हिला कर रख दिया किस कदर कमजोर था तख्ते सितमगर देख लो डॉ ० वफ़ा नकवी अलीगढ़ ने कहा कि एक तरफ़ ज़िक्रे अली है एक तरफ ज़िक्रे यज़ीद एक है लकड़ी का गट्ठर एक मिंबर देखलो सलमान सिरसी ने कहा कि कर रही है इस तरह सदियों को यकजा कर्बला एक ही फरशे अज़ा पर सब पयंबर देखलो तनवीर संभली ने कहा कि आमदे हैदर है गोया साफ यह ऐलान है। अय बुतों निकलो यहां से और कोई घर देखलो शुऐब नौगांवा ने कहा कि असरे आशूरा का इस्माइल मंज़र देखलो कट गया सूखे गले से कैसे मंज़र देखलो।