मां..शादी में डीजे संग आतिशबाजी भी हो, जल्द लौटूंगा; जवान ने आखिरी बार वीडियो कॉल पर की थी बात

गुरुग्राम। जम्मू-कश्मीर के डोडा में शहीद हुए राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ की सेकंड बटालियन के जवान विकास राघव ने बलिदान से कुछ समय पहले ही सोहना के दौहला गांव में रहने वाले अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की थी। शुक्रवार रात करीब 11 बजे विकास ने अपनी नवंबर में होने वाली शादी की तैयारियों को लेकर मां से बात की थी। विकास के शहीद की सूचना मिलने के बाद मां विमलेश बार-बार बेहोश हो जा रही है। विकास के चचेरे भाई धीरज राघव ने बताया कि शुक्रवार की रात 11 बजे विकास ने वीडियो कॉल की थी। इस दौरान अपनी मां विमलेश, बहन सपना और पिता सूरज राघव से बातचीत की थी।विकास ने पहले मां से 17 नवंबर को होने वाली अपनी शादी की तैयारियों के बारे में पूछा था। मां ने बताया था कि शादी की तैयारियां चल रही है और बहू के लिए कपड़ों की खरीद होनी है। इसके बाद विकास ने अपने पिता से कहा था कि उसकी शादी में डीजे के साथ जोरदार आतिशबाजी का भी इंतजाम होना चाहिए। इसके बाद इंस्टाग्राम पर गांव के अपने दोस्तों से बातचीत हुई थी। दोस्तों ने बताया कि विकास ने कहा था कि आतंकियों से आर-पार कर के लौटूंगा। उनका कहना है कि विकास के अंदर सेना में जाने का जुनून था। विकास की शादी ग्रेटर नोएडा के गांव तिलघोड़ में तय थी। इसके लिए बीती 9 जून को ही सगाई हुई थी, जबकि शादी 17 नवंबर को होनी थी। दोस्तों ने बताया कि विकास राघव का जन्मदिन 19 सितंबर को है।तेज बुखार के बावजूद दिया था ट्रायल विकास के पिता सूरज ने बताया कि दो बेटों में छोटे विकास राघव की शुरू से ही सेना में जाने की तमन्ना थी। उनकी इच्छा थी कि विकास फार्मेसी कोर्स करें लेकिन विकास देश सेवा के लिए सेना में जाना चाहता था। कड़ी मेहनत से मां भारती की सेवा का जुनून लेकर 105 डिग्री बुखार में भी सेना की परीक्षा दी और सफलता पाई। पिता ने बताया कि जिस दिन सेना के लिए ट्रायल देना था, उस दिन विकास की तबीयत खराब थी और 105 डिग्री बुखार था। मना करने के बाद भी सेना भर्ती का ट्रायल दिया और दिसंबर 2019 में सेना में भर्ती हो गया।गांव के रामबीर ने बताया कि विकास के दादा दिवंगत छोटे सिंह राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ में सेकंड बटालियन में हवलदार थे। उन्होंने बताया कि विकास में भी अपने दादा जैसे सेना में जाने का जुनून था। इसके लिए बचपन से ही दौड़ और अभ्यास करने में लग गया था। विकास ने भी सेना में राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ में सेकंड बटालियन को ही ज्वाइन किया क्योंकि उसके दादा ही राजपूत रेजिमेंट के सेकंड बटालियन में तैनात थे।स्थानीय लोगों ने बताया कि विकास के साथ गांव के आठ लड़कों का एक साथ सेना में चयन हुआ था। गांव के युवाओं में सेना में जाने का काफी क्रेज है। उनका कहना है कि गांव में बच्चे रोज सुबह-शाम सेना में जाने के लिए दौड़ और अभ्यास करते हैं। गांव में इसके लिए भले ही संसाधन नहीं हैं लेकिन बच्चों के अंदर देश सेवा का भाव है और इसके लिए तैयारी करने में पीछे नहीं रहते हैं। गांव के यशपाल, रामवीर, अशोक ने बताया कि युवाओं में सेना का काफी क्रेज है। हर घर से कोई ना कोई सेना से जुड़ा हुआ है।

सरकारी अग्निवीर योजना में भी गांव के दस युवा भर्ती हुए हैंं।शहीद विकास राघव का शनिवार को उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विकास के पिता पिता सूरज राघव ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इससे पहले लोगों ने जगह-जगह शहीद की अंतिम यात्रा पर पुष्पवर्षा की। बलिदानी विकास राघव का पार्थिव शरीर शनिवार को विशेष विमान से जम्मू कश्मीर से दिल्ली लाया गया। जहां से सड़क मार्ग से सेना के विशेष वाहन में गुरुग्राम से लगभग 25 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव दौहला पहुंचा। रास्ते में पड़ने वाले गांवों में सैकड़ों लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर को ले जा रहे वाहन पर पुष्प वर्षा करके उनकी शहादत को नमन किया।राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में सोहना के नायब तहसीलदार सुरेश कुमार ने विकास राघव के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ गांव के पास स्थित अंत्येष्टि स्थल पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार कराया गया।