बदायूँ। संघटक राजकीय महाविद्यालय सहसवान में हिंदी विभाग के द्वारा उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती को पौधा लगाकर मनाया गया। प्राचार्य डॉ. गुरदीप सिंह उप्पल ने कहा हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने का कार्य किया मुंशी प्रेमचंद ने। असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने काव्यात्मक अंदाज में कहा कि -आइये ताना-बाना कुछ इस तरह बुनते हैं साहित्य की धारा से कुछ पुष्प गुच्छ चुनते हैं ध्वस्त कीं पुराने अंधविश्वास और रुढ़ियां दीं पाठकों को ऊपर चढ़ने को सीढियां।। गोदान मे चित्र खींचा निम्न वर्ग का। निर्मला में अंकित है बेमेल विवाह की दिक्कतें हर कहानी नयी व अजब गजब निराली है जो बहाती धारा सदा मतवाली है । चलो भूले बिसरे साहित्यकार की जयंती मनाते हैं कुछ नहीं तो एक दिन ही सही अपना शीश झुकाते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी डॉ सुरजीत सिंह मौर्य ने मुंशी प्रेमचंद की कहानियों के माध्यम से आज के समाज का चित्र खींचा साथी उनकी कहानियों पर चर्चा पर चर्चा की। असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र डॉ रजनी गुप्ता ने प्रेमचंद की कहानी मंत्र पर चर्चा की एवं प्रमुख किरदार डाक्टर का खाका खींचा। तत्पश्चात डॉ शुभ्रा माहेश्वरी, डॉ सुरजीत सिंह मौर्य, डॉ रजनी गुप्ता, डॉ नीति सक्सेना,डॉ. शुभ्रा शुक्ला, डॉ पारुल अग्रवाल, डॉ राजेश, डॉ सौरभ नागर ,डॉ आलोक दीक्षित, डॉ टेकचंद डॉ नवीन,डॉ ब्रह्म स्वरूप आदि शिक्षकों ने उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद को स्मरण करते हुए महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया। जिससे साहित्यकार के नाम से यह पौधा जीवित रहकर हमारे पर्यावरण को संरक्षित कर सके।