बिल्सी। नगर के बाबा इण्टरनेशनल स्कूल बिल्सी में दो दिनों से चल रही शतरंज प्रतियोगिता का आज समापन हुआ ।प्रतियोगिता में विद्यालय के 234 बच्चों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता को दो चरणों में विभाजित किया गया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ विद्यालय डायेक्टर अनुज वार्ष्णेय व निदेशिका साधना वार्ष्णेय, विद्यालय प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने फीता काट कर किया। बालक वर्ग के जूनियर ग्रुप में लक्ष्य माहेश्वरी (कक्षा-8 ) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, अभय कश्यप (कक्षा- 7) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा कृष्णा वार्ष्णेय (कक्षा-8) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग के जूनियर ग्रुप में मान्या माहेश्वरी (कक्षा-8) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, आरोही पाल (कक्षा-7) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा अमीशी वार्ष्णेय (कक्षा-7) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया | बालक वर्ग के सीनियर ग्रुप में अजहर अली (कक्षा- 9) में प्रथम स्थान प्राप्त किया, देव गुप्ता (कक्षा-12 ) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा राहुल वार्ष्णेय (कक्षा-10) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग के सीनियर ग्रुप में सौम्या माहेश्वरी (कक्षा-11) प्रथम स्थान प्राप्त किया, मनु उपाध्याय (कक्षा -9) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा अनन्या वार्ष्णेय (कक्षा-9) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया | प्रतियोगिता के समापन पर विद्यालय डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने कहा कि शतरंज विद्यार्थियों के मानसिक विकास में सहायता करता है तथा उनके सोचने की क्षमता को बढाता है। इसलिए विद्यालय में बच्चों को पढाई के साथ- साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। विद्यालय निदेशिका साधना वार्ष्णेय ने सभी छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और बच्चों को शतरंज के प्रति प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चो को बताया कि शतरंज के खेल से बौद्धिक स्तर विकास होता है इससे तार्किक क्षमता बढ़ती है। प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि खिलाडी अनुशासन में रहकर प्रतिभाग करें इससे उनका भविष्य और भी उज्जवल होगा | बच्चे प्रतिभा के धनी होते हैं उनकी मेहनत, लगन ही उन्हें ऊँचाई पर पहुँचाती हैं इस प्रतियोगिता के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाना है। फिर इन्हें निखारकर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करना है | इस मौके प्रशासक अमित माहेश्वरी ने कहा कि खेल व्यक्ति में अनुशासन का संचार करता है जो कि सफलता का मूल मन्त्र है आगे बढ़ने के लिए आप और अधिक अपनी प्रतिभा में निखार लाते हुए अपने सपनों को साकार कर सकते। प्रतियोगिता को संपन्न कराने में त्रिलोक चन्द्र भट्ट, विकास कुमार, ललित यादव, स्वाति साहू का मुख्य योगदान रहा।