बदायूँ। मानव जीवन को सबसे बड़ा खतरा,प्रति दिन प्रदूषण का बढ़ना।। विश्व गुरु महामानव लोक कल्याण ट्रस्ट भारत, गाँधी नगर बदायूँ एवं धर्माज्ञान शिक्षा समिति सकरी कासिमपुर बदायूं के संयुक्त तत्वाधान में सम्राट अशोक बुद्धविहार गाँधी नगर बदायूँ के प्रांगण में विश्व पर्यावरण दिवस, संरक्षण दिवस के रूप में मनाया गया ।जगह-जगह पेड़ पौधों को जल दान कर हरा-भरा किया गया। इस पुनीत कार्य में छोटे बच्चों में शौर्य, मिष्टी,डुग्गू,आरुषि गुप्ता प्रियांश भी पीछे नहीं रही। नन्दराम शाक्य ने पर्यावरण के महत्व को समझाते बताया कि पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से हुई है परि +आवरण ।परि का अर्थ बाहरी और आवरण का मतलब होता है खोल या कवच । आज के युग मे पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, बढ़ती जनसंख्या के कारण पेड़ कट रहे हैं और बड़ी -बड़ी इमारतों की संख्या बड़ रही है जिसके कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है । जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है । मानव जीवन को सबसे बड़ा खतरा,पर्यावरण का प्रति दिन प्रदूशित होना। नेत्रपाल सिंह कुशवाह ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या ,घटते जमीन के क्षेत्रफल ,कटते वृक्षों के कारण पानी का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है ,इसको मिलकर रोकना होगा । आओ मिलकर वृक्ष लगायें, पर्यावरण शुद्ध बनाएं । नेतेंद्रप्रताप सिंह,श्रीमती मालती देवी, हेमलता शाक्या, गार्गी शाक्या, प्रीति चौहान,महादीपक शाक्य,आचार्य राघवेंद्र सिंह द्वारा पर्यावरण पर विषय पर बड़े सुंदर रूप में प्रकाश डाला गया ।इस अवसर पर वेवेश जी,वीरू, पुष्पा गुप्ता,तारा वती आदि उपस्थित रहे ।