दिल्ली। रोड पर गांव छज्जूपुर और मोहिउद्दीनपुर में बनने वाली प्रदेश की पहली सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप को पंख लगने शुरू हो गए हैं। मंगलवार को मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के पक्ष में पांच किसानों ने 0.7983 हेक्टेयर भूमि का बैनामा कर दिया। इसकी एवज में 7.17 करोड़ रुपये के चेक दिए गए हैं। शीघ्र ही करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बहुमंजिली इमारतें, पार्क, आईटी हब सहित अन्य सुविधाएं विकसित होंगी। बैनामे सहित अन्य खर्च मिलाकर मेडा ने 7,75,26,341 रुपये खर्च किए हैं। इसी सप्ताह अन्य आठ खसरा संख्या से जुड़े किसान भी जमीन के बैनामे कराएंगे।दूसरे फेज में कायस्थ गावड़ी और इकला गांव में बहुमंजिली इमारतें दिखाई देंगी। टाउनशिप के लिए प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट मेडा को जारी किया है। इससे मेडा ने जमीनों की खरीद शुरू कर दी है। मंगलवार को मोहिउद्दीनपुर की खसरा संख्या 136,137,140, व 142 के किसान श्यामपाल सिंह, यशपाल सिंह, योगेंद्र सिंह व गजेंद्र कुमार सिंह और रूणा सिंह की भूमि का बैनामा किया गया।मेडा के मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि पहले फेज में 112 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। इसमें छज्जूपुर में 30.09 और मोहिउद्दीनपुर में 111.79 हेक्टेयर जमीन पर टाउनशिप विकसित होगी। इससे 750 किसान प्रभावित होंगे। वहीं, 85 हेक्टेयर जमीन के लिए 437 किसानों ने पूर्ण सहमति दे दी है। मंगलवार को पांच बैनामे किए गए हैं। शीघ्र ही आठ खसरा संख्या भूमि के भी बैनामे होंगे। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि टाउनशिप में भव्य शोरूम, बहुमंजिली इमारतें, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स, आईटी हब, ग्रुप हाउसिंग, कंपनियों के कार्यालय, मेडिसिटी सेंटर, इंस्टीट्यूशनल, औद्योगिक एवं अन्य प्रकार की मिक्स गतिविधियां होंगी। औद्योगिक गलियारा, जिसमें जेम्स एंड ज्वेलरी, कैंची, स्पोर्ट्स आदि उद्योग जिनको कम जगह की आवश्यकता होती है, उन्हें फ्लैटेड फैक्टरी के तौर पर भी यहां लाने की तैयारी है।मेडा के सचिव एके सिंह ने बताया कि टाउनशिप मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन से लगभग 1.3 किमी, डीएफसी कॉरिडोर से लगभग 1.5 किमी, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, बस स्टेंड, हरिद्वार बाईपास से लगभग दो किमी, मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 1.5 किमी, परतापुर रेलवे स्टेशन से लगभग चार किमी और मेरठ सिटी से लगभग 10 किमी की दूरी पर होगी। इसलिए यह दिल्ली और एनसीआर के लोगों के लिए अनुकूल होगी।