बरेली । बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गुरू अशोक मित्र बुद्ध विहार पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुरू अशोक मित्र बुद्ध विहार जनकल्याण समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने सभी को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई एवं मंगलकामनाएं दीं। सभी उपासक एवं उपासिकाओं ने बुद्ध की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर द्वारिका प्रसाद ने कहा कि भारतीय दर्शन परंपरा में बुद्ध के दिए धम्म का महत्वपूर्ण स्थान है। हमें भारतीय संस्कृति की रक्षा और समृद्धि के लिए बौद्ध दर्शन को संरक्षित रखने की आवश्यकता है। स्वतंत्र राव सिद्धार्थ ने बुद्ध के बताए अष्टांगिक मार्ग को मानव जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया और सभी के जीवन में अष्टांगिक मार्ग के लाभ को रेखांकित किया। हेतराम बौद्ध ने कहा कि बुद्ध द्वारा दी गई पांच शीलों में सभी महत्वपूर्ण हैं परंतु नशा मुक्ति के बिना किसी का कल्याण संभव नहीं है। इस अवसर पर डॉ अमित प्रियदर्शी ने कहा कि बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति व परिनिर्वाण सभी बुद्ध पूर्णिमा को ही हुए जोकि स्वयं अपने आप में महत्वपूर्ण शिक्षा है। उन्होंने आगे कहा कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन हमें सम्यक दृष्टि अपनाने की शिक्षा देता है। बिना सम्यक ज्ञान के विश्व का कल्याण संभव नहीं है। विश्व की आर्थिक व आध्यात्मिक प्रगति में बुद्ध के दर्शन का योगदान अद्वितीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता नीतू गौतमी ने की। इस अवसर पर सत्य प्रकाश, क्रांति, विमला, सुशीला, राजकुमारी, राजो, लक्ष्मी, वेदप्रकाश, आयुष, अनुराग, रूपवती, कुमकुम आदि उपासक-उपासिकाएं उपस्थित रहे।