शासक वर्ग मजदूरों,मेहनतकशों पर क्रूरता की हदें पार कर रहा है। हर्षवर्धन
बदायूं/सालारपुर। बुधवार को डिवीजन बदायूं पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/ संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। परिचर्चा में बात रखते हुए क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सतीश ने कहा कि मई दिवस दुनिया के क्रांतिकारी मजदूरों की शहादत की गाथा है।इस दिन शिकागो की सड़कों पर मजदूर अमानवीय कार्यपरिस्थिति के खिलाफ उतर पड़े। मजदूर नेताओं ने नारा दिया कि आठ घंटे काम के, आठ घंटे आराम के, आठ घंटे मनोरंजन के। मजदूरों के इस नारे से अमेरिका का पूंजीपति वर्ग थर्रा गया। उसने इस आंदोलन को खून में डुबो दिया। सैकड़ों मजदूर मारे गए। मजदूर नेताओं को फांसी पर चढ़ा दिया गया। लेकिन आंदोलन जारी रहा। इस क्रांतिकारी आंदोलन की ही देन है कि दुनियां के पूंजीपति वर्ग और उसकी सत्ता को झुकना पड़ा और मजदूरों की मांगों को मानना पड़ा। इसके बाद मजदूरों की विपरीत अमानवीय परिस्थितियों में सुधार आया। आज हम सभी अपने मजदूर नेताओं को श्रद्धांजलि देते हैं ,और मजदूर आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं। गोष्ठी में एटक के नेता राजेश जौहरी ने कहा कि आज पूरी दुनियां का ट्रेड यूनियन आंदोलन कमजोर स्थिति में है, बिखरा हुआ है। इस कारण सरकारें और पूंजीपति वर्ग मजदूरों कर्मचारियों पर हमला कर रही हैं। हमारे अधिकारों को छीना जा रहा है। आज जरूरत है कि मई दिवस से प्रेरणा लेकर हमे अपने धिकारो को बचाने को आगे आना होगा। वही जनहित सत्याग्रह मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह ने कहा। आज दुनिया की पूंजीवादी व्यवस्था मजदूरों के खून की आखरी बूंद को निचोड़ लेना चाहती है। देश का मजदूर किसान जो देश की सारी धन दौलत को पैदा करता है उसका जीवन अभावों से भरा हुआ है। सरकारें मजदूरों को लूटने की नीतियां बनाती हैं। और पूंजीपति वर्ग की तिजोरियां लगातार भर रही हैं। ट्रेड यूनियन आंदोलन कमजोर होने के कारण मजदूरों कर्मचारियों पर हमले बड़े हैं। इन हमलों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।यूनियन के अध्यक्ष ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहां की आज कर्मचारियों से 12 घंटे काम लिया जा रहा है। समय से वेतन नहीं मिलता। आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं का मुआवजा और इलाज के लिए भटकना पड़ता है। श्रम कानूनों का उल्लंघन लगातार हो रहा है। साथियों इस दमन और शोषण उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। मध्यांचल उपाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि मई मजदूर दिवस के संघर्षों से प्राप्त अधिकारों को छीना जा रहा है। सारे ही विभागों में ठेका/संविदा/निविदा के जरिए भर्ती की जा रही है। औद्योगिक संस्थानों का और भी बुरा हाल है। सरकार ने श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव कर दिए हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाई गई चार श्रम संहिताओं ने देश के मजदूरों कर्मचारियों को लगभग 150 साल पुरानी स्थिति में धकेल दिया है। आज जरूरत है मजदूर वर्ग मो क्रांतिकारी विचार धारा पर खड़े होकर संगठित होने की जरूरत हैकार्यक्रम का संचालन करते हुए संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हर्षवर्धन ने मई दिवस के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगो को आज पुरानी अमानवीय स्थिति में धकेल दिया है। आज शासक वर्ग मजदूरों मेहनतकशों पर क्रूरता की हदें पार कर रहा है। देश में गैर बराबरी, बेरोजगारी, महंगाई बढ़ रही है। मजदूरों को जाति धर्म क्षेत्र में बांटने की साजिशें की जा रही हैं।अपने हक के लिए संघर्ष करना मुश्किल होता जा रहा है। न्याय प्रिय संघर्षों का दमन किया जा रहा है। इसके खिलाफ हम लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। जरूरत इस बात की भी है की हमे पूरे देश के मजदूरों को एकजुट संघर्ष करने की जरूरत है।कार्यक्रम का समापन कृष्ण गोपाल ने किया। कार्यक्रम में प्रेमपाल सिंह प्रजापति डॉ सतीश प्रेमपाल सिंह कृष्ण गोपाल गुप्ता राजेश जौहरी हर्षवर्धन ठाकुर धीरेंद्र कुमार सिंह मुन्नालाल गुप्ता मृदुल्लेश यादव रामप्रकाश अनिल कुमार जगतपाल एम. वरिष्ठ संविदा कर्मी मुसब्बर सिद्दीकी ,विपिन कुमार विवेक शर्मा अनिल कुमार पाल सत्यपाल शर्मा मुनेंद्र यादव अरुण मिश्रा विमलेश आदि सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।