कम नहीं हो रहीं केजरीवाल की मुश्किलें, अब CM पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

दिल्ली। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई है। केजरीवाल को शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। यह याचिका दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है, जो किसान और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करते हैं। उनका कहना है कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।यादव ने तर्क रखा कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा आएगी और न्याय की प्रक्रिया बाधित होगी, बल्कि राज्य में संवैधानिक तंत्र भी टूट जाएगा।उन्होंने केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है और चूंकि वह हिरासत में हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम कर लिया है और इस तरह उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए कि मुख्यमंत्री बने रहें। गौरतलब है कि आप के मंत्री मीडिया में बयान दे रहे हैं कि केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल के अंदर से ही सरकार चलाएंगे।यादव का कहना है कि जेल में बंद सीएम किसी भी व्यवसाय को करने में असमर्थ होगा जिसका कानून उसे आदेश देता है और अगर उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाती है तो किसी भी सामग्री को चाहे वह गुप्त प्रकृति की हो जेल में उन तक पहुंचने से पहले जेल अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से उसे स्कैन करेगी। केजरीवाल के हाथ और ऐसा कृत्य सीधे तौर पर संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत सीएम को दिलाई गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन होगा।इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कामकाज के लेन-देन नियम, 1993 एक मुख्यमंत्री को कैबिनेट के किसी भी विभाग से टोर फाइलें मंगाने का अधिकार देता है और अगर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहते हैं, तो वह अपने अधिकारों के दायरे में रहेंगे। उन फाइलों की जांच की मांग जिनमें उन्हें आरोपी बताया गया है। ऐसी स्थिति आपराधिक न्यायशास्त्र के लोकाचार के खिलाफ है। 17 नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की। 8 जुलाई 2022: दिल्ली के मुख्य सचिव ने नीति में घोर उल्लंघन की रिपोर्ट दी। 22 जुलाई 2022: उपराज्यपाल ने नियमों के उल्लंघन की सीबीआई जांच की सिफारिश की। 19 अगस्त 2022: सीबीआई ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, समेत तीन अन्य लोगों के घर पर छापे मारे। 22 अगस्त 2022: प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। सितंबर 2022: आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। मार्च 2023: प्रवर्तन निदेशालय ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया। अक्तूबर 2023: आप नेता संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया। अक्तूबर 2023: ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहला समन भेजा। 16 मार्च 2024: भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को ईडी ने गिरफ्तार किया।21 मार्च 2024: दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी समन देने पहुंची, फिर घर की तलाशी ली, पूछताछ किया और फिर गिरफ्तार भी। विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता और अरविंद केजरीवाल।