देश में हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है

स्वास्थ्य। हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। बता दें, कि हमारे आसपास कई बीमारियों का खतरा रहता है, ऐसे में इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी कदम है। भले ही, आज भारत कई वायरस और बैक्टीरिया को लेकर वैक्सीन तैयार कर चुका है, लेकिन आज भी लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत बनी हुई है। यही वजह है कि देशभर में हर साल इसे लेकर एक दिन मनाया जाता है।
बता दें, इसे इम्यूनाइजेशन डे भी कहते हैं। ऐसे में आइए इस मौके पर आपको बताते हैं, कि बच्चों के लिए समय-समय पर वैक्सीन लगवाना क्यों जरूरी होता है। वैक्सीन कई तरह के विषाणुओं से लड़ने के लिए हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है। खसरा, मम्प्स, रूबेला, पोलियो और काली खांसी जैसी बीमारियां, जिन्होंने देश में मृत्यु दर को बढ़ाने का काम किया था, आज काफी हद तक नियंत्रित की जा चुकी हैं। बता दें, अपने बच्चे का समय-समय पर टीकाकरण करवाकर आप न सिर्फ उसकी सुरक्षा करते हैं, बल्कि समाज में इन बीमारियों के अस्तित्व को खत्म करने की दिशा में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
टीकाकरण की मदद से हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने में भी मदद मिलती है। बता दें, ये एक ऐसी स्थिती होती है, जब आबादी का एक हिस्सा किसी बीमारी को लेकर इम्यून हो जाता है, ऐसे में इन्फेक्शन बाकी की आबादी में नहीं फैल पाता है। यह उन लोगों के लिए भी एक सुरक्षा चक्र की तरह काम करता है, जो किन्हीं वजहों से वैक्सीनेशन नहीं ले पाते हैं। यह एक तरह का सामूहिक प्रयास है, जिसे पूरा करने में हर वैक्सीनेटेड बच्चा मदद करता है।
टीकाकरण की मदद से न सिर्फ आपका जीवन सुरक्षित होता है, बल्कि इसे न लगवाने से होने वाली बीमारियों से जुड़े खर्च पर भी पैसा बचता है। डॉक्टर की विजिट्स, अस्पताल में रहने का खर्च और लंबे समय तक की जाने वाली देखभाल से जुड़े स्वास्थ्य खर्च में कटौती आने से देश के हेल्थकेयर सिस्टम पर पड़ने वाले दबाव में भी कमी आती है। ऐसे में शुरू से ही बच्चों का वैक्सीनेशन काफी जरूरी होता है।
बचपन में होने वाले वैक्सीनेशन के चलते आने वाले सालों में भी इससे जुड़े स्वास्थ्य लाभ बने रहते हैं। यह इम्युनिटी आपके बच्चे को उस वक्त न सिर्फ गंभीर बीमारियों से बचाती है, बल्कि आने वाले कई सालों तक उन्हें सुरक्षा देती है। ऐसे में न ही खराब सेहत के चलते आपके बच्चे को स्कूल से छुट्टियां लेनी पड़ती हैं, और न ही बढ़ती उम्र के साथ उनकी ग्रोथ पर कोई बुरा असर पड़ता है।