ग्रेटर नोएडा। जिले के बाजारों में रिफाइंड से बना पनीर बिक रहा है। खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। विभाग ने पिछले साल दिसंबर में पनीर की जांच करने के लिए विशेष अभियान चलाया था। इसके तहत नोएडा, ग्रेनो, दादरी और जेवर स्थित अलग-अलग दुकानों, रेस्तरां और पनीर भंडार से 18 नमूने लिए थे। प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में तीन नमूने असुरक्षित मिले, जबकि पांच सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। खाद्य विभाग ने सभी के खिलाफ एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा सेक्टर-62 स्थित रेड तंदूर रेस्तरां और सेक्टर-62 के लक्ष्मी डेयरी से लिया गया नमूना असुरक्षित निकला। इसके अलावा जेवर टोल प्लाजा पर एक गाड़ी से लिया गया सैंपल भी असुरक्षित पाया गया। गाड़ी अलीगढ़ से पनीर लेकर दिल्ली जा रही थी। हनीफ की गाड़ी आरिफ चला रहा था। वहीं, भंगेल रोड स्थित शिव डेयरी, कासना स्थित पारस ब्रांड पनीर, नोएडा स्थित सेक्टर-75 स्थित मैक्स हाइपर मार्केट इंडिया और अन्य से लिए गए सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इस पांचाें नमूने में वसा की मात्रा कम पाई गई।विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पनीर बनाने से पहले आरोपी दूध से क्रीम निकाल लेते हैं। इसके बाद रिफाइंड मिलाकर पनीर बनाते है। चिकनाई के लिए दूध में रिफाइंड या अन्य तेल मिलाया जाता है। घी की जगह रिफाइंड से काम लिया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।जिम जाने वाले युवाओं को प्रोटीन की जरूरत होती है। काफी युवा प्रोटीन की जरूरत खाने-पीने की चीजों से पूरी करते है। इसमें पनीर भी शामिल है। युवा रोजाना 100 से 250 ग्राम पनीर खाते है, लेकिन मिलावटी पनीर उनके स्वास्थ्य पर खराब असर डाल रहा है। मिलावटी पनीर से युवाओं में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की बीमारी हो सकती है। उससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। पनीर में रिफाइंड की मिलावट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। इससे दिल के दौरे पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। पेट और आंतों में सूजन व छाले होने की समस्या हो सकती है, जो भविष्य में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी बन सकती है। मामले में एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। मिलावटी पनीर के खिलाफ फिर से अभियान चलाया जाएगा।