उझानी । नगर के शॉपिंग सेंटर में दुकानदार आलोक कुमार अग्रवाल ने पुलिस को दी तहरीर में। आरोप है कि बुधवार की दोपहर एक बजे के समीप उनके फोन पर एक कॉल आई जिससे उन्हें एहसास हुआ कि यह फेक कॉल है और ठगी करने के लिए कॉल की गई है। तहरीर में लिखा है जिसकी सूचना उन्होंने कोतवाली उझानी में तैनात महिला आरक्षी शिवानी को दी । महिला आरक्षी ने उन्हें आश्वासन देकर भेज दिया । तहरीर में लिखा है कि वह जैसे ही अपनी दुकान पर पहुंचा तभी सिटी इंचार्ज मनोज कुमार, सिपाही बलराम, सिपाही अंशू व अन्य चार सिपाही उसकी दुकान पर पहुंच गए और जबरदस्ती उसे दुकान से थाने उठा लाए । सिटी इंचार्ज मनोज कुमार ने मुझे बताया कि यह एसीपी ग्वालियर का नम्बर है। यह जो बात कह रही हैं वह मान लो । तहरीर में लिखा है सिपाही अंशू ने कहा कि यह मेरी फेसबुक आईडी से जुडी है और बहुत तेज तर्रार महिला है कहां मुकदमे के चक्कर में पड़ोगे केस रफा दफा करने की कह रही हैं। तहरीर में आरोप लगाते हुए लिखा है कि सिटी इंचार्ज मनोज कुमार ने खुद अपने नम्बर से एसीपी रजनी से बात कराई और मुझे डराया धमकाया गया । उसके बाद एसीपी ने मेरे फोन पर वार कोड भेजा और उस पर 27 हजार 700 रुपए ट्रांसफर करने का दबाब बनाया और कहा अगर तुम मुझे यह रुपए ट्रॉसफर कर दोगे तो तुम्हें थाने से छुड़वा दूंगी और साथ ही सिटी इंचार्ज मनोज कुमार द्वारा भी मुझ पर दबाब बनाया गया । वार कोड पर रुपए ट्रांसफर करने के बाद मुझे थाने से छोड़ा गया । तहरीर में लिखा है वह जैसे ही दुकान पर वापस आया तभी दोबारा एसीपी रजनी सिंह की कॉल आई और 26 हजार 700 रुपए ट्रांसफर करने की मांग की गई । तहरीर में लिखा है तब उसे अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ । आलोक अग्रवाल ने तहरीर में लिखा है कि उसने फौरन कोतवाली पहुंचकर सिटी इंचार्ज को सूचना दी । सूचना मिलते ही सिटी इंचार्ज मनोज कुमार ने अपने फोन से वह नम्बर मिलाया तो वह नम्बर बन्द आया । तहरीर में लिखा है कि इस प्रकार पुलिस के दबाब में उनकी मौजूदगी में उसके साथ ठगी हुई है। आलोक अग्रवाल ने तहरीर में लिखा है कि जांच कर उचित कार्रवाई की जाए जिससे अन्य व्यापारी के साथ इस प्रकार की घटना न हो और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ।