क्लस्टर बनाकर होगा कृषि उत्पादों का निर्यात
बदायूँ । उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अंतर्गत कृषि को बढ़ावा देने, कृषकों की आय को बढ़ाने आदि विभिन्न विषयों पर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने अपने कैंम्प कार्यालय में कृषि विभाग व संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशित किया कि जनपद की प्रत्येक तहसील में 50 हेक्टेयर के कम से कम एक-एक क्लस्टर फरवरी माह के अंत तक बनाए जाएं। क्लस्टर का पंजीकरण कराया जाए और कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट भी हो इस हेतु गंभीरता से प्रयास किए जाएं। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने कृषि व संबंधित विभाग अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अंतर्गत चिन्हित अमरुद, आलू व मेंथा की फसलों के अतिरिक्त सुगंधित धान जैसे बासमती चावल की कृषि को बढ़ावा देने के लिए 50 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर के क्लस्टर बनाए जाएं। उन्होंने बताया कि क्लस्टर बन जाने से कृषि की उत्पादकता व गुणवत्ता में वृद्धि होगी। साथ ही कृषि उत्पादों का निर्यात भी किया जा सकेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार का प्रयास कृषि को बढ़ावा देना व कृषकां की आय को बढ़ाना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि व अन्य संबंधी विभाग किसानों से बेहतर समन्वय स्थापित कर क्लस्टर बनवाएं तथा क्लस्टर सफलतापूर्वक संचालित हो, इसकी नियमित समीक्षा करते रहें। जिलाधिकारी ने जनपद की सभी पांचो तहसीलों में एक-एक क्लस्टर फरवरी माह के अंत तक बनाने के निर्देश कृषि विभाग व संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि किसान इस देश की रीढ़ है। किसान को अन्नदाता कहा जाता है, उनका सुखी व संपन्न होना देश के विकास के लिए अति आवश्यक है। उन्होंने सुगंधित धान बासमती के क्लस्टर भी बनाए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि फरवरी माह के अंत तक एक अन्य बैठक का आयोजन भी इस संबंध में कराया जाए।
उप कृषि निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि कृषि उत्पादक संघ (एफपीओ) या ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न कृषक मिलकर एक क्लस्टर बना सकते हैं। क्लस्टर 50 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर का हो सकता है। क्लस्टर का निर्माण कर उसका पंजीकरण एपिडा में कराना है। उन्होंने बताया कि क्लस्टर के माध्यम से फसलों का निर्यात भी हो इसको भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि निर्यात नीति अन्तर्गत क्लस्टर निर्माण व पंजीकरण उपरांत कृषि उत्पादों का निर्यात प्रारम्भ होने पर 10 लाख रुपए की प्रोत्साहन धनराशि क्लस्टर को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि जनपद में खरीफ में धान, बाजरा की फैसले, रबी में गेहूं, गन्ना, सरसों, आलू तथा जायद में मक्का आदि की फैसले प्रमुख है। इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।