मथुरा। तीर्थनगरी मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन पर स्टे आदेश को अप्रैल तक बढ़ा दिया है। हिंदू पक्ष को कहा है कि सभी पक्षकार अपने जवाब दाखिल करें। वहीं, मुस्लिम पक्ष की वादों की सुनवाई को कोर्ट तय करने संबंधी एसएलपी पर भी अगली तिथि पर सुनवाई करने को कहा। शाम तक अगली सुनवाई की तिथि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दोपहर एक बजे करीब इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने हिंदू पक्ष से एडवोकेट कमीशन पर लिखित जवाब मांगा। जवाब दाखिल न होने पर कोर्ट ने कहा कि अप्रैल के पहले हफ्ते में अब इस मामले में सुनवाई होगी। तब तक शाही ईदगाह के एडवोकेट कमीशन के सर्वे के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक जारी रहेगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट में दाखिल वादों की सुनवाई जारी रहेगी। उनकी सुनवाई पर कोई रोक नहीं है। सिर्फ एडवोकेट कमीशन के आदेश पर स्टे अप्रैल में होने वाली अगली सुनवाई तक जारी रहेगा। महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि एडवोकेट कमीशन की नियुक्ति के लिए आवेदन बहुत अस्पष्ट है। आदेश को अगली तारीख तक लागू न करें। हिंदू पक्ष अपने आवेदन की प्रार्थना को देखे, वाद में दिए गए कथन के आलोक में एडवोकेट कमीशन नियुक्त करने की प्रार्थना बहुत अस्पष्ट है। हिंदू पक्ष अपना जवाब दाखिल करे कि एडवोकेट कमीशन किस लिए चाहता है।सुप्रीम कोर्ट की पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे। उन्होंने कहा था कि आयोग को क्रियान्वित नहीं किया जाएगा। मगर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित वादों की कार्यवाही जारी रह सकती है। हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में एडवोकेट कमीशन के मांग संबंधी आवेदन में हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि शाही ईदगाह मस्जिद के एक हिंदू मंदिर होने के स्पष्ट संकेत हैं, जिसमें कमल के आकार का स्तंभ और भगवान कृष्ण से जुड़े हिंदू देवता शेषनाग की एक छवि शामिल है। मुस्लिम पक्ष इन सबूतों को नष्ट कर रहा है। इसलिए एडवोकेट कमीशन गठित तक विवादित स्थल का सर्वे कराया जाए।