किसान की बेटी ने चीन में रचा इतिहास

किसान की बेटी पारुल चौधरी ने मंगलवार को चीन में इतिहास रच दिया। भारत की झोली में एक और स्वर्ण पदक आया तो पूरे देशवासियों के चेहरों पर खुशी छा गई। उधर, देश के लोगों ने सोशल मीडिया पर पारुल चौधरी को बधाई देते हुए खुशी जाहिर की। चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियन गेम्स के ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में मेरठ की एथलीट बेटी पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सोने पर कब्जा किया है। मंगलवार को पारुल ने पांच हजार मीटर स्टीपल चेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले सोमवार को पारुल ने 3000 मीटर में रजत पदक जीता था। किसान की बेटी पारुल चौधरी ने मंगलवार को चीन में इतिहास रच दिया। भारत की झोली में एक और स्वर्ण पदक आया तो पूरे देशवासियों के चेहरों पर खुशी छा गई। उधर, देश के लोगों ने सोशल मीडिया पर पारुल चौधरी को बधाई देते हुए खुशी जाहिर की। चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियन गेम्स के ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में मेरठ की एथलीट बेटी पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सोने पर कब्जा किया है। मंगलवार को पारुल ने पांच हजार मीटर स्टीपल चेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले सोमवार को पारुल ने 3000 मीटर में रजत पदक जीता था।मेरठ में दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी कृष्णपाल सिंह की बेटी पारुल चौधरी ने मंगलवार को दूसरे दिन लगातार पदक हासिल किया। पारुल द्वारा स्वर्ण पदक जीतने की खबर मेरठ पहुंची तो लोग खुशी से झूम उठे। उधर, गांव में पारुल चौधरी के घर पर परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया। बताया गया कि गांव में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई है। मेरठ में दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी कृष्णपाल सिंह की बेटी पारुल चौधरी ने मंगलवार को दूसरे दिन लगातार पदक हासिल किया। पारुल द्वारा स्वर्ण पदक जीतने की खबर मेरठ पहुंची तो लोग खुशी से झूम उठे। उधर, गांव में पारुल चौधरी के घर पर परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया। बताया गया कि गांव में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई है। कृष्णपाल सिंह खेती करते हैं और उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बेटी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं। वह रेलवे में टीटीई हैं। चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है। पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पटियाला पहुंचकर विवि टॉपर रही।भराला गांव के बीपी इंटर कॉलेज से बड़ी बहन प्रीति चौधरी के साथ पारुल चौधरी ने दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में बड़ी बहन से ही पारुल की प्रतिस्पर्धा रही। दोनों ने ही 1600 और तीन हजार मीटर में दौड़ना शुरू किया।चयन के दौरान बहन से ही प्रतिस्पर्धा होने के बाद परिजनों ने बड़ी बहन को पांच हजार मीटर में दौड़ने की सलाह दी। बहन के साथ शुरू हुई प्रतिस्पर्धा के बाद पारुल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हंगरी में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक से चूक जाने के बाद भी पारुल ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था।