प्रकाशनार्थ नैतिकता एवं कानून में घनिष्ठ संबंध
शाहजहाँपुर। स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में 9 दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक जागरूकता अभियान के सातवें दिन “सार्वजनिक जीवन में विधि एवं नैतिकता की भूमिका” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुमुक्षु शिक्षा संकुल के अधिष्ठाता, स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी ने अपने उदबोधन में बताया कि धर्म, पाप पर नियंत्रण पाने का रास्ता है, यहां तक की अपराधी भी पाप से बचने की कोशिश करते हैं, इस तरह जो भी व्यक्ति पाप से डरता है, वह नैतिक है। उन्होंने समाज की नजर में पापी होना निंदनीय बताया। साथ ही यह भी बताया कि सार्वजनिक जीवन में नैतिकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब तक मनुष्य में नैतिक बोध न हो तब तक वह पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में सक्षम नहीं होता। मुख्य वक्ता प्रो. बलराज चौहान जी (पूर्व कुलपति, डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय. लखनऊ एवं स्टेट लीडर क्रिस्प, उ0 प्र0) ने बताया कि आध्यात्मिकता से हम अपनी सोच बदल सकते हैं, क्योंकि आध्यात्मिकता से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। विधि का नैतिक होना जरूरी नही है, परंतु यदि कोई विधि नैतिकता पर आधारित नहीं होती है तो समाज उसे अस्वीकार कर देता है। नैतिकता हमारे भारतीय संविधान की उद्देशिका में भी परिलक्षित होती है। प्रत्येक वह मूल्य जो किसी व्यक्ति को महानता की ओर ले जा सके, नैतिकता है। कार्यक्रम अध्यक्ष मा. विद्यासागर सोनकर जी विधान परिषद सदस्य, उत्तर प्रदेश ने कहा कि समाज में नैतिकता और विधि साथ-साथ चलते हैं।
नैतिकता से ही समाज और राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, यदि जीवन में सुखी रहना है तो नैतिकता के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। विशिष्ट वक्ता डॉ. राना परवीन जी, प्राचार्या, हाशमी लॉ कॉलेज, अमरोहा ने बताया कि विधि और नैतिकता के बीच घनिष्ठ संबंध है। एक बेहतर शिक्षा नैतिकता के गुणों का विकास करती है। उन्होंने आज के समय में नैतिक मूल्यों के पतन पर अपनी चिंता जाहिर किया। सत्र का शुभारम्भ सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ राकेश कुमार आजाद, प्राचार्य, एस.एस.पी.जी. कॉलेज ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन डॉ. अनुराग अग्रवाल, अध्यक्ष वाणिज्य विभाग, एस.एस.पी.जी. कॉलेज जी द्वारा किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. जयशंकर ओझा जी ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संगीत विभाग, एस.एस. पी.जी. कॉलेज की डॉ. प्रतिभा सक्सेना एवं छात्राओं द्वारा स्वागत गीत एवं वंदे मातरम प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार शाह, डॉ.अमित कुमार यादव, डॉ. पवन कुमार गुप्ता, डॉ. दीप्ति गंगवार, विजय सिंह, डॉ0 प्रेमसागर, डॉ. अमरेंद्र सिंह, प्रियंक वर्मा साथ ही महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक गण एवं 523 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।