तुलसी सामाजिक एव साहित्यिक संस्था के 24 घंटे के अखंड काव्य उत्सव का समापन हुआ

बदायूं। तुलसी सामाजिक एव साहित्यिक संस्था की ओर से हुए अखिल भारतीय अखण्ड काव्य उत्सव में दूर दूर से आए रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। स्काउट गाइड भवन में दो दिवसीय चल रहे काव्य उत्सव का समापन हुआ । मुख्य अतिथि ब्रज क्षेत्र के मंत्री राकेश मिश्रा अनावा , अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता ने की , विशिष्ट अतिथि भाजपा नेत्री रजनी मिश्रा रही। इटावा से आईं इच्छा पोरवाल ने काव्य पाठ करते हुए कहा नूर चेहरे पे कुछ चढ़ा होता पास गर तू मेरे खड़ा होता जिंदगी और भी होती आसां खत मेरा तूने जो पढ़ा होता ग्वालियर से आए महेन्द्र भट्ट ने ब्यंग्य पढ़ा ..और शंकर एवमस्तु कहकर करिश्मा दिखा गए। तीनों के तीनों तिलंगे पुनः गंगा घाट पर आ गए।”

राजस्थान से आए राधेश्याम राधे ने पढ़ा सदियों पुरानी संस्कृति जो विश्व की गुरु रही,,, आदिपुरूष के नाम फिल्मकार से छली गई। बंगलौर से आए मौसम कुमरावत ने पढ़ा दंभ के नग सभी पिघल जाते, आग में राग-द्वेष जल जाते, राह पर बुद्ध की अगर चलते, सैंकड़ों युद्ध आज टल जाते। लखीमपुर खीरी से आए हरेंद्र वर्मा ने पढ़ा बोलने के लिए बोलने का गुनाह मत करना खामखां किसी अपने को परेशान मत करना। हो सकता है उसका नजरिया अभी ठीक हो तल्ख बूंद से किसी दरिया को तबाह मत करना।

लखीमपुर से आए योगेश मिश्रा बरबर युग ने पढ़ा बबूल के पेड़ पर आम चाहिए! सबको यहां पर मुकाम चाहिए!! मेहनत कोई करना नही चाहता ! ख्वाइश ये है कि ईनाम चाहिए। इस अवसर पर सतीश मिश्रा, ओमकार सक्सेना , अतुल श्रोत्रिय, रमेश चंद्र शर्मा ,षट्वदन शंखधार, अचिन मासूम , हर्ष मिश्रा, प्रदीप दुवे, रोहिताश पटेल , बदायूं – अखिल भारतीय अखण्ड कवि सम्मेलन, काव्य उत्सव में दूर दूर से आए रचनाकारों ने किया काव्य पाठ।

स्काउट गाइड भवन में दो दिवसीय चल रहे काव्य उत्सव में अध्यक्षता नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, मुख्य अतिथि आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप , विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक राम सेवक सिंह पटेल रहे। सांय सत्र के मुख्य अतिथि जिला प्रभारी राकेश मिश्रा अनावा रहे । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन कवि पवन शंखधार ने किया इस अवसर पर सतीश मिश्रा, ओमकार सक्सेना , अतुल श्रोत्रिय, रमेश चंद्र शर्मा ,षट्वदन शंखधार, अचिन मासूम , हर्ष मिश्रा, प्रदीप दुवे, रोहिताश पटेल , आदि उपस्थित रहे। आदि उपस्थित रहे।