इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया
शाहजहांपुर। जनपद के मुमुक्षु शिक्षा संकुल द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र छात्राओं के सम्मान हेतु एक विशाल समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने की और मुख्य अतिथि पद को अपर शिक्षा निदेशक,
बरेली मंडल, अजय कुमार द्विवेदी ने सुशोभित किया। समारोह में डॉ ए के मिश्रा, अशोक अग्रवाल, प्रो आर के आजाद, प्रो जे एस ओझा , डा अमीर सिंह यादव आदि के अतिरिक्त अनेक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ । विधि महाविद्यालय की छात्राओं ने मंचासीन अतिथियों का बैज लगाकर और चंदन तिलक करके स्वागत किया । एसएस कॉलेज की छात्राओं ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद मौर्या ने कहा की सभी प्रतिभाशाली छात्र केवल डॉक्टर और इंजीनियर बनना चाहते हैं। जबकि उनके सामने प्रगति के अनेक आयाम राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने खोल दिए हैं जिन सभी को अपने संज्ञान में रखना चाहिए।
स्वामी धर्मानंद कॉलेज के प्राचार्य डा अमीर सिंह यादव ने बोलते हुए कहा कि प्रतिभाशाली छात्र जनपद का आभूषण होते हैं जिन्हें संभाल कर रखना अभिभावकों और गुरुजनों का काम होता है। ऐसे छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु श्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों का चयन करना चाहिए
और आदर्श गुरु के आचरण का अनुकरण करना चाहिए। एसएस कॉलेज के प्राचार्य डा आजाद ने कहा शिक्षा संकुल विभिन्न स्तर की शिक्षा संस्थाओं का ऐसा समूह है जिसमें एन सी से लेकर पीएचडी तक अध्ययन की सभी सुविधाएं उपलब्ध है और सभी शिक्षा संस्थान विश्वविद्यालय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता के लिए विख्यात है। डा ए के मिश्रा ने कहा कि उच्च कोटि के गुरुजनों के निर्देशन में अनेक उपयोगी पाठ्यक्रम शिक्षा संकुल के महाविद्यालयों में संचालित है जिनका लाभ छात्र-छात्राएं उठा सकते हैं हैं।
स्वामी चिन्मयानंद ने अपने संबोधन में प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद छात्र एक ऐसे चौराहे पर खड़े होते हैं जहां उन्हें अपने भविष्य के लिए एक सर्वश्रेष्ठ रास्ता चुनना होता है ऐसे में गुरुजन ही उनका मार्गदर्शन करते हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों को नौकरी के स्थान पर स्वावलंबी बनने का प्रयास करना चाहिए । उन्होंने कहा कि अंग्रजी शासन में बनी शिक्षा नीति नौकरी पर बल देती है क्योंकि अंग्रेजों को गुलामों की अवश्यकता थी, मालिकों की नहीं। प्रतिभाशाली छात्रों को समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए। कार्यक्रम में जनपद के टॉप टेन छात्रों को सम्मानित करने के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबंध 38 विद्यालयों के 380 टॉपर छात्र छात्राओं को भी प्रमाण पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया साथ ही उनके विद्यालय के प्रधानाचार्यों तथा उपस्थित शिक्षकों को भी अंगवस्त्र उड़ाकर सम्मनित किया गया । प्रो अनुराग अग्रवाल के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में विधि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जय शंकर ओझा ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि सम्मान समारोह का मूल आधार वो छात्र-छात्राएं हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर इस जनपद का नाम रोशन किया है ।उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को विधि के क्षेत्र में आने की आवश्यकता है क्योंकि वह न्याय पूर्वक कार्य करते हुए समाज को नई दिशा दे सकते हैं। इसके लिए पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम अत्यंत उपयोगी है । कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान से हुआ। आयोजन में स्वामी धर्मानंद इंटर कॉलेज और विधि महाविद्यालय के शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।