उमेश अपहरण केस में अतीक समेत तीन आरोपी दोषी करार
इलाहाबाद। उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौलत हनीफ और दिनेश पासी को जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने दोषी करार दिया है। विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 364 ए के तहत दोषी पाया। तीनों दोषियों को ढाई बजे सजा सुनाई जाएगी विशेष अदालत ने बाकी सभी सात आरोपियों को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है। अतीक का भाई अशरफ भी दोषी नहीं पाया गया है। उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान शौकत हनीफ (अधिवक्ता) को दोषी करार दिया है। बाकी सात अभियुक्तों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसला सुनते ही अतीक ने अपने सिर पर हाथ रख लिया। उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और अशरफ समेत सभी 11 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं। थोड़ी देर में सजा का एलान हो सकता है। अतीक और अशरफ को कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को लेकर पुलिस प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट पहुंची। कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई। पुलिस की टीम माफिया अतीक, उसके भाई अशरफ और फरहान को कोर्ट लेकर पहुंच गई है। कोर्ट के बाहर गमहागहमी बढ़ गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट में जाने के लिए अधिवक्ता और पुलिस प्रशासन के बीच नोंकझोक हो गई। अतीक और अशरफ कोर्ट में पेश के लिए जेल से निकल गए हैं। जज दिनेश चंद्र शुक्ल कोर्ट रूम में मौजूद हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी। सूत्रों की मानें तो अतीक को वज्र से नहीं एंबुलेंस से भेजा जाएगा। अतीक और अशरफ की तरफ से 19 वकील जिरह करेंगे। माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर पांडेय कोर्ट में पहुंच गए हैं। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं। उमेश पाल अपहरण केस पर साढ़े 12 बजे अदालत फैसला सुनाएगी। हालांकि पहले 11 बजे फैसले का समय था। लेकिन इसमें बदलाव कर दिया गया। नैनी जेल के बाहर हलचल तेज हो गई है। कभी भी अतीक को जेल से बाहर लाया जा सकता है। केंद्रीय कारागार नैनी से माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ और फरहान को एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में ले जाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैंं। थोड़ी देर में अतीक और अशरफ को नैनी जेल से कोर्ट ले जाया जाएगा। नैनी जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। जज डॉ. जितेंद्र शुक्ल फैसला सुनाएंगे। जज डॉ. जितेंद्र शुक्ल कोर्ट रूम पहुंच गए हैं। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि मैं कोर्ट से यही उम्मीद करती हूं कि उसको(अतीक अहमद) फांसी की सज़ा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं। उधर, प्रयागराज में उमेश पाल के आवास के बाहर सुरक्षा तैनात की गई है। फैसले से पहले प्रयागराज में उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका (अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सजा हो। उमेश सुनवाई के बाद तकरीबन साढ़े चार बजे जैसे ही घर पहुंचे, बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। इस मामले में भी अतीक, अशरफ, अतीक के बेटे सहित उसकी पत्नी को आरोपी बनाया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य के मुताबिक इस मामले में कोर्ट ने 17 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी और 28 फरवरी को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि मामला संवेदनशील होने की वजह से पुलिस कमिश्नर से कचहरी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पत्र लिखा गया है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को दो महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। उसके बाद से ही उमेश पाल अपहरण कांड में रोजाना सुनवाई होने लगी। 24 फरवरी को जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई, इसी केस के सिलसिले में वह कोर्ट से ही लौटे थे। उस दिन बचाव पक्ष की ओर से बहस हो रही थी। इसके बाद अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। जिसमें खुद उमेश पाल और उसके एक रिश्तेदार के अलावा दो जांच अधिकारियों के साथ छह पुलिस कर्मी शामिल थे। पक्षकारों की तरफ से (अतीक अहमद, अशरफ सहित अन्य आरोपियों) अपने बचाव के लिए कुल 54 गवाह पेश किए गए। केस की सुनवाई में देरी होने पर वादी उमेश पाल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केस की सुनवाई जल्दी पूरी करने की मांग की।