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बदायूँ: तुलसी संस्था के संगठन मंत्री ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने बताया कि उत्तर भारत के कई राज्यों में आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. आज ही के दिन से वसंत ऋतु की शुरूआत होती है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर मां सरस्वती की पूजा करते हैं. कुछ लोग बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. इस दिन लोग खासकर छात्र-छात्रा विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं. बच्चों की शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरुआत के लिए इस दिन को काफी शुभ माना जाता है. श्रद्धालु इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करते हैं और विद्या की देवी का पूजन करते हैं.
श्रद्धालु स्नान करने के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं. अपने ठीक सामने पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वति की मूर्ति को उस पर स्थापित करें. जिसके बाद रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि का प्रसाद मां के सामने अर्पित कर ध्यान में बैठ जाएं. मां सरस्वती के पैरों में श्वेत चंदन लगाएं. पीले और सफेद फूल दाएं हाथ से उनके चरणों में अर्पित करें और ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें. शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजन करके उससे छुटकारा पाया जा सकता है.कार्यक्रम में सत्यम शिवम, कृष्ण पाल,जय सक्सेना, शिवम् मिश्रा,सनी यादव, अंकुश, राहुल हरिओम छात्र उपस्थित रहे