हर्ष्षोल्लास से मनाई गई गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती
बदायूँ । राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचन्द गांधी की 153वीं एवं जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 118वीं जयंती 02 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी दीपा रंजन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष कुमार वैश्य, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विजय कुमार सिंह एवं नगर मजिस्ट्रेट ब्रजेश कुमार सिंह, डीआरओ महिपाल सिंह, डिप्टी कलेक्टर प्रेमपाल सिंह व कलेक्ट्रेट के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दोनों महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। गांधी जी के द्वारा बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलें। उनके बताए गए विचारों पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी कार्य करें। जिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को जो पद मिला है उस पर इमानदारी से कार्य करके गरीबों की मदद करें।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी के जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि किसी के बारे में बुरा न सोचो, चाहे वह व्यक्ति आपका विरोधी ही क्यों न हो। अच्छी किताबें पढ़ना चाहिए, इन्हें पढ़ने से सकारात्मक ज्ञान आता है। लोगों का जीवन अच्छा बनाने में उनका सहयोग करें, अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के साथ उनको अच्छे संस्कार भी दें। गांधी जी के विचारों पर चलना सीख ले तो जीवन बहुत आसान हो जाएगा। 02 अक्टूबर को भारत की ऐसी दो महान विभूतियों ने जन्म लिया, जिन्होंने हमारे देश को विश्व एक अलग पहचान दिलाई, जिनका देश निर्माण में बहुत बड़ा हाथ है। यह बहुत ही पवित्र दिवस है। गांधी जी और शास्त्री जी की जीवनी सभी ने बहुत बार पढ़ा है। दोनों की ही सादगी की मिसाल दी जाती है। शास्त्री जी ने देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपनी सादगी को बनाए रखा। गांधी जी का जीवन ही एक संदेश है। किसी की जिंदगी संवारने में मदद करके देखिए, आपको इतना सुकून मिलेगा, जो आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। इसमें सभी आगे बढ़कर आए। सच्ची श्रद्धांजलि यही है, कि अपने विचारों और जीवन शैली में बदलाब आएं। शास्त्री जी ने देश में खाद्यान्न संकट आने पर देशवासियों से कहा था कि एक बार का भोजन ना करें उसमें देश वासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया आज हमारा देश कई देशों को खाद्यान्न निर्यात करता है।
एडीएम वि0/रा0 ने कहा कि गांधी जी के विचारों में बहुत गहराई थी, मैं जब उन्हें समझने की कोशिश करता हूँ, तो समझ में आता है कि उनके एक-एक शब्द पर पूरी पूरी किताबे लिखी जा सकती हैं। अन्त्योदय, साक्षरता, सफाई सहित हर स्तर पर उन्होंने काम किया है। दुनिया के महान लोगों की प्रेरणा के रूप में गांधी जी आज भी जिंदा हैं।
एडीएम प्रशासन ने कहा कि बच्चों को घरों में महात्मा गांधी की जीवनी ज़रूर सुनानी चाहिए, बेहतर होगा कि उनको पुरुषों की विचारों वाली किताबे उन्हें उपलब्ध करा दें तथा पुस्तकालयों में रखवाएं, जिससे बच्चे उन किताबों से प्रेरणा ले सकें और महापुरुषों के विचारों को अपने जीवन में उतारें। महापुरुषों के एक-एक सिद्धांत को भी अपने जीवन में उतारते हैं, तो हमारा जीवन ही बदल जाएगा और आपके व्यक्तिव में अलग निखार आएगा। लाल बहादुर शास्त्री जी इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद साधारण रहे, यह बड़ी बात थी।
नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि यदि दायित्वों का निर्वाहन समय, गंभीरता और ईमानदारी से किया जाए तो निश्चित रूप से मन को बहुत शान्ति मिलेगी और राष्ट्रनिर्माण में मदद होगी। गांधी जी, वह व्यक्तित्व जिसने भारत के स्वाधीनता को ही अपना ओढ़ना और बिछौना बना लिया। जमीन पर लेटना कम सोना और लगातार कार्य करना, शरीर की तो जैसे कोई खोज खबर ही नहीं, सादा जीवन उच्च विचार की यही परिभाषा अंगीकार करने वाले महात्मा गांधी का व्यक्तित्व ही था कि करोड़ों लोग गहरी नींद से जाग उठे और ब्रिटिश साम्राज्य की रूह कांप गई।
इसके पश्चात नगर विकास राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता व डीएम ने गांधी नेत्र चिकित्सालय जन्मशती में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तिरंगा फहराया। उन्होंने गांधी जी के जीवन काल पर रोशनी डालते हुए सभी से उनके बताए गए रास्तों पर चलने की कामना की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार की योजनाएं चल रही हैं, तो निश्चित ही भारत विश्वगुरु जरूर बनेगा। अब ऐसा लगता है कि सतयुग आ गया है। जब मोदी जी और योगी जी चिंतित हैं कि हमारे किसानों की कैसे तरक्की हो, तो जरूर इस देश का भाग्य बदलेगा। अच्छा सोचो-अच्छा होगा, आज नहीं तो कल होगा। हम सब जो बोलते हैं, वह इसी ब्रहमाण्ड में गूंजता है। जब हम और आप अच्छा सोचेंगे तो निश्ंचित ही अच्छा होगा। आपने जब अच्छा सोचा तभी भारत का डंका विश्व में बज रहा है।
यहां आईसीआईसीआई फाउंडेशन की ओर माइक्रोस्कोप एवं फैको मशीन भेंट की हैं, जिसका विधायक एवं डीएम ने फीता काटकर इसका शुभारंभ किया। इससे आंखों के आपरेशन में आसानी होगी। डीएम ने इस भेंट के लिए फाउंडेशन का धन्यवाद दिया। इसी प्रकार अन्य सक्षम व्यक्तियों एवं संस्थाओं को समाजसेवा में बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिए। आपके सहयोग से यदि किसी के जीवन में कुछ भी अच्छा होता है, तो समझिए जीवन धन्य है। इस अवसर पर 80 लोगां का ऑपरेशन किया गया। इस अवसर पर सीएमओ प्रदीप वार्ष्णेय, आईसीआईसीआई फाउंडेशन से अजीत मौजू रहे।