राम मंदिर न्यास ने रामनवमी पर रामलला दर्शन समय अवधि बढ़ाई : निर्भय सक्सेना
अयोध्या। नव संवत्सर 2079 शुरू हो गया। चैत्र नवरात्रि में कोरोना गाइड लाइन में अब ढील के बाद अयोध्या में रामनवमी पर 10 से 12 लाख दर्शनार्थियों के एकत्र होने को दृष्टिगत रख रामलला के दर्शन की समय की अवधि भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा बढ़ाई गई है। साथ ही कोरोना गाइड लाइन में ढील के बाद अब न्यास ने राम भक्तो को अयोध्या आने का आमंत्रण भी दिया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार फाइवर वाले राममंदिर में विराजमान भगवान श्रीराम के भक्तो के लिए दर्शन की समय सीमा राम नवमी वाले अंतिम दो तीन दिनो पर बढ़ाई जाएगी। अभी तक रामलला के दर्शन सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक और मध्यान दो बजे से सायं छह बजे तक ही प्रवेश होता है। रामनवमी पर भीड़ को दृष्टिगत रख कर दर्शन सीमा को बढ़ाया जा रहा है। उन दिनों 10 से 12 लाख श्रद्धालु 8 अप्रैल, 9 अप्रैल और 10 अप्रैल 2022 को अयोध्या में रहेंगे ऐसा अनुमान है।
चंपत राय का कहना, ‘इस बार कोरोना वायरस का कोई भय कम हुआ है।
इसके साथ ही राम जन्मभूमि मंदिर के चल रहे निर्माण में अब प्लिंथ निर्माण कार्य का काम लगभग पूरा हो चुका है जिसकी फोटो भी न्यास की और से जारी की जा चुकी हैं। चबूतरा निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में है। राम मंदिर में गर्भ गृह स्थल के पास रामलला का चबूतरा बलुआ पत्थरों से बनाया जा रहा है। अब इनके ऊपर रामलला के मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला में तराश कर रखे गए पत्थरों को लगाया जाएगा। राम जन्म भूमि की कार्यशाला और राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़पुर की कार्यशाला से तराशे हुए पत्थर अयोध्या पहुंच रहे हैं। स्मरण रहे कि ट्रस्ट ने 2023 तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मंदिर में चबूतरे निर्माण की तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी की है।
इसके साथ ही रामनगरी अयोध्या में जल्द ही स्पेशल टास्क फोर्स की इकाई का भी गठन होगा ।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर निर्माणाधीन राम मंदिर की के लिए भक्तो में दर्शन के लिए उत्साह बढ़ रहा है। राम मंदिर निर्माण चार सौ गुणे तीन सौ फीट के विस्तृत परिक्षेत्र में 40 से 50 फीट की गहराई नींव बनाई गई। अब उस नींव के भराव के बाद उसके ऊपर राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। 21 फीट ऊंचा और सात लेयर में चबूतरा बनेगा। अभी दो से ढाई लेयर का निर्माण कार्य ही हुआ है। इस बारे में जन मान्यता है कि गर्भगृह के इसी स्थल पर श्रीराम ने युगों पूर्व जन्म लिया था। राम मंदिर में इसी स्थल पर रामलला का गर्भगृह की स्थापना होगी। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का मानना है कि इसी वर्ष के मध्य तक चल रहा निर्माण का काम पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद पहले से तराश कर कार्यशाला में रखी गईं शिलाएं मंदिर के आकार में पहुंचने लगेंगी। श्री राम मंदिर न्यास की दिसंबर 2023 तक रामलला को मूल गर्भगृह में स्थापित करने की योजना पर तेज़ी से योजनागत कार्य जारी है।
निर्भय सक्सेना, मोबाइल 9411005249