बरेली में भी साप्ताहिक अखबार दिखाते थे राज नेताओं को आइना ! — निर्भय सक्सेना

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बरेली । देश दुनिया मे आज डिजीटल युग में पत्रकारिता भले ही ई पेपर पोर्टल बेबसाइट एवं न्यूज चैनल पर जा पहुंची है पर प्रिन्ट मीडिया का आज भी अपना एक अलग ही अंदाज है। पाठकों को भी प्रिंट मीडिया के अखबार जब तक सुबह दर्शन न हो जाये उन्हें खालीपन और बैचेनी सी महसूस होती है। आज देश में लाखों की संख्या में पोर्टल एवं बेवसाइट के माध्यम से समाचारों की पहुंच व्यापक हो गई है लेकिन आम पाठकों के लिए आज भी जब तक सामने अखबार न हो उन्हें खालीपन सा महसूस होता है। दिन रात चलने वाले न्यूज चैनल पर भी लोगों को इतना भरोसा नहीं है जितना कि छपे हुये समाचार पर रात को मैच देखने के बाद भी वह पूरी खबर पढ़ने के लिए सुबह अखबार का वाचन जरूर करते हैं। आजादी के बाद देश में दैनिक एवं साप्ताहिक समाचार पत्रों की धूम थी। बरेली में उस समय साप्ताहिक अखबार नेताओं को आइना दिखाते रहते थे । कुछ साहित्यिक एवं फिल्मी मैगजीन भी अपना अलग स्थान रखती थी।अगर बरेली मण्डल की बात है बरेली में भी आजकल कई दर्जन पोर्टल, ई-पेपर, एवं वेबसाइट समाचारों को प्रस्तुत कर रही हैं जिनमें बरेली के विशाल गुप्ता, गजेन्द्र त्रिपाठी ‘बरेली लाइव’, गोपाल अग्रवाल की ‘आलराइट’ सौरभ शर्मा की ‘आरजे न्यूज’ संजीव कुमार शर्मा ‘गंभीर’ की ‘गंभीर न्यूज’ करूणानिधि जी ‘आरएनआई’ कंचन वर्मा की ‘फ्रंट न्यूज नेटवर्क’ नागेश गुप्ता ‘बी. ए. न्यूज’, अनुराग उपाध्याय की ‘बोल बरेली’ चंद्र कांत त्रिपाठी की ‘रुहेलखंड पोस्ट’ आदि प्रमुख हैं। आकाशवाणी दूरदर्शन केन्द्र तो वर्ष 1980 के दशक में ही स्थापित हो गये थे। प्रवीण सिंह ऐरन ने भी ‘बरेली सिटी न्यूज का चैनल’ चलाया जो आजकल बंद है जबकि एक अन्य सिटी न्यूज चैनल अब भी चल रहा है। अभी भी कई अखबार ई पेपर के रूप में निकल रहे हैं। भारतीय समाचार पत्रों की जन्म यात्रा बंगाल की खाड़ी की आर्थिक महानगरी कलकत्ता से  शुरू हुई  थी जबकि देश का प्रथम समाचार पत्र ‘कलकत्ता जर्नल एडवरटाइजर’ का प्रकाशन 29 जनवरी 1780 कलकत्ता से किया गया इसको मिस्टर गेम अगस्टस हिकी ने प्रकाशित किया था। अतः इसे ‘हिक्की गजट’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके पश्चात प्रायः प्रत्येक वर्ष कई अखबारों का प्रकाशन भी होने लगा था। सन् 1816 में ‘बंगाल गजट’ (अंग्रेजी) का प्रकाशन हुआ। इसे गंगाधर भट्टाचार्य, जो एक शिक्षक थे, निकाला था। इस पत्र को ही प्रथम भारतीय समाचार पत्र माना जाता है क्योंकि इससे पूर्व जितने भी समाचार पत्र निकले उन सभी का प्रकाशन अंग्रेजों ने ही किया था। हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नाम से कलकत्ता से ही प्रारंभ हुआ जिसको श्री युगल किशोर शुक्ला ने निकाला था।
बरेली का प्रथम समाचार पत्र- बरेली जनपद रुहेलखण्ड क्षेत्र का प्रमुख नगर रहा। इसे रूहेला सरदारों की राजधानी कहा जाता था। रूहेला क्षेत्र होने के कारण बरेली के आसपास के क्षेत्र भी आम बोलचाल की एवं सरकारी भाषा  उर्दू ही थी। अतः बरेली के प्रथम समाचार पत्र उर्दू भाषा में 1872 में प्रकाशित हुआ। ‘रोजाना’ नामक इस समाचार पत्र का प्रकाशन सईद अहमद ने फर्राशी टोला से किया था। इसका मूल्य एक आना था और लाने के लिए एक मोहर इस पर छपी रहती थी। इस पत्र का प्रकाशन भी लीथोग्राफी के जरिये ही होता था। वर्ष 1919 में पत्र के संपादक मो. करम इलाही हो गये। इस पत्र में एक तरह की ही खबरे छपती थी। ‘प्रदीप’ नामक पत्र बरेली का प्रथम हिंदी समाचार पत्र था।
पंडित राधे श्याम कथावाचक के संरक्षण में पंडित राम नारायण पाठक इसका प्रकाशन करते थे। बिहारी पुर स्थित राधेश्याम प्रेस से 1933 में ‘प्रदीप’ नामक इस पत्र का प्रकाशन शुरू हुआ था। वर्ष 1934 में श्री प्रताप चन्द्र आजाद ने ‘आजादी’ नामक उर्दू मासिक पत्र का प्रकाशन किया। इसमें लेख कविताएं आदि भी छपा करती थी। इसको 1938 में इसको साप्ताहिक कर दिया गया।
1936 में बरेली में श्री चन्द्र प्रकाश ने ‘दैनिक हिंदी कांग्रेस’ का प्रकाशन किया। इसे यहां के प्रथम दैनिक पत्र की संज्ञा दी जाती है। इसकी गिनती राष्ट्रवादी पत्रों में होती थी। केबी वास प्रेस में छपता था। इसमें उस समय चल रहे आजादी के आन्दोलन की खबरें प्रमुखता के साथ छापी जाती थी। यह पत्र 1939 में बंद हो गया।
इसी वर्ष 1936 में खलील साहब ने उर्दू ‘दैनिक इकवाल’ का प्रकाशन किया। यह बरेली इलेक्ट्रिक प्रेस में छपता था। लोग इसे सरकार समर्थक पत्र की संज्ञा देते थे। वास्तव में उन दिनों ‘उर्दू दैनिक इकवाल’ तथा ‘हिंदी दैनिक कांग्रेस’ दोनों पत्रांे में जोर-शोर से प्रतिस्पर्धा होती थी। इन्हीं दिनों सरदार संत सिंह ने ‘इंसाफ’ उर्दू नामक पत्र का प्रकाशन किया। राष्ट्रवादी विचारधारा का होने के कारण पत्र अधिक दिनों तक नहीं चल सका। 1946 में श्री प्रताप चंद  आजाद ने ‘स्वराज्य’ (हिन्दी) व श्री ब्रज मोहन लाल शास्त्री ने ‘हलचल’ (हिन्दी) का प्रकाशन किया। दोनों ही राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक पत्र थे। इसके अलावा उन दिनों प्रकाशित होने वाले पत्रों में -‘कायस्थ समाचार’ पत्र था जो बाद में ‘सक्सेना समाचार’ के नाम से छपा। इसे मास्टर गोपीनाथ ने उर्दू भाषा में निकाला था। डा. श्याम स्वरूप के संरक्षण में ‘आर्य पत्र’ उर्दू में निकाला। इसके संपादक धूम सिंह थे। यह बिहारीपुर में मित्रम प्रेस से प्रकाशित होता था। इन्हीं दिनों उर्दू में ‘अलशे’ नामक पत्र अख्तर मिर्जा बिरोलवी निकालते थे। यह स्वतंत्र विचारधारा का समर्थक पत्र था। इन्हीं दिनों में ‘इंसाफ’, ‘हलचल’, ‘कांग्रेस’, ‘आजादी’, ‘स्वराज्य’ व ‘इकवाल’ आदि पत्र प्रमुख थे। इसके अलावा 1932 में सैयद इब्राहीम हसन रजा ने ‘नुदरत’ उर्दू 1936 में हब्दुल हाफिज ने ‘पाकिस्तान’ 1937 में मोहल्ला सौदागरान से बड़े मौलवी साहब के संरक्षण में ‘मुसलमान’, 1939 में मोहम्मद जहूरउद्दीन के संरक्षण में ‘जमूदे’ आदि पत्रों का प्रकाशन किया गया। एस एस उस्मान ने ‘नूर ए बरेली’ निकाला। इसके अतिरिक्त भी इन दिनों अन्य अनेक पत्रों का प्रकाशन भी किया गया। रोजनामा ‘इकवाल’ कोहाड़ापीर से निकलता था।  
1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात जनपद में जन जागरण की एक नई लहर आयी। इस कारण अनेक पत्रों का प्रकाशन हुआ। अंतर केवल इतना रहा कि आजादी से पूर्व जहां अधिकांश पत्र उर्दू भाषा में प्रकाशन होते थे वहीं आजादी के उपरांत अधिकांश समाचार पत्रों का प्रकाशन हिंदी भाषा में होने लगा। बाद में प्रकाशित होने वाले हिंदी साप्ताहिक पत्रों में ‘बरेली समाचार’, ‘बरेली गजट’, ‘बंधन’, ‘युग संदेश’, ‘सत्यम’, ‘पक्षी’ ‘बरेली एक्सप्रेस’, ‘पांचाल भूमि’, ‘जागो जवान’, ‘आज की आवाज’, ‘आज का आदमी’ की गिनती प्रमुख साप्ताहिक, पाक्षिक पत्रों में की जाती थी। ‘बरेली समाचार’ का प्रकाशन रामदयाल भार्गव, ‘बरेली गजट’ का प्रकाशन के. के. शर्मा ‘बंधन’ का प्रकाशन बलवीर सहाय त्यागी, ‘युग संदेश’ का प्रकाशन ब्रजपाल सिंह बिसारिया, ‘सत्यम’ का प्रकाशन महेन्द्र, ‘पांचाल भूमि’ का प्रकाशन हरीश जौहरी एवं राम गोपाल शर्मा, ‘बरेली एक्सप्रेस’ का संपादन जे. बी. सुमन ‘पक्षी’ का प्रकाशन प्रह्लाद सूरी, ‘जागो जवान’ का प्रकाशन शंभूदत्त बेलवाल, ‘जीवन ज्योति’ का प्रकाशन सदाराम लोधी करते थे। वर्ष 2000 के दशक तक आते कई समाचार पत्र बंद हो चुके थेे। बरेली जनपद में साप्ताहिक समाचार पत्रों में ‘जवान की आवाज’, ‘सुखद पत्रिका’, ‘आपका साथी’, ‘जगजीवन’, जगदीश विकट का ‘चित्रांकन’, ‘गीता और सीता’, ‘आर्यदेश’ ‘मुक्त समाचार’,  ‘प्रतिक्रिया’, ‘व्यापार संकेतिका’, ‘ग्राम किरण’, ‘खुली खबरे’, ‘स्वराज्य’, ‘जीवन उत्सर्ग’, ‘साक्षर दीप’ ‘समाचार पर्वत’, ‘पांचाल’ ‘मत मारूति’ ‘अंजन’ ‘कोहरा’ ‘समय की धारा’ ‘आलोक पथ’ ‘उजाला’ ‘अंजना’, ‘वीर समाचार’ ‘सपनों का उजाला’ ‘अदब का पक्षी’ ‘कविता लोक’ सुरेश शर्मा का ‘तपेश’, ‘विविध कर पत्रिका’, ‘समय वाणी’, ‘धार्मिक दुनिया’, ‘विखंडन’, ‘बरेली ज्योति’, ‘तबुस्सम’ , ‘भज गोविन्दम,’ ‘सोमबंधु’, ‘स्वर्ण एवं पिछड़ा वर्णन वार्ता, ‘मानवता की पुकार’, ‘अपराध बेला’, ‘बरेली दर्शन’ ‘साप्ताहिक मजदूर’, ‘बरेली आलोचक’, ‘हैप्पी’, ‘युवा गांधी’, ‘जलाल भारती’, ‘कायस्थ परिवार’, ‘विश्वगुरू’, ‘सोजोसाज’, ‘शाहब’, ‘राना-ए-अदव’, ‘स्वाले’, ‘द मैसेंजर’, ‘सियासी गुलचा’, ‘बहेड़ी टाइम्स’, ‘दीपा लोक’, ‘ध्रुव देश’ ‘मंगल युग’ आदि साप्ताहिक समाचार पत्रों का भी प्रकाशन हुआ जो कुछ साल चलकर बंद हो  गये। इसके अलावा कुलदीप नारायण बैजल की हिंदी मासिक पत्रिका ‘एकांत’, देशबंधु अग्रवाल की ‘स्काउट प्रभा’ नरेश बहादुर की ‘यूपी पुलिस जर्नल’ बिहारी लाल गुप्ता की ‘आनंद निकेतन’, अलंकार स्टुडियो से वीरेन्द्र सक्सेना की हिंदी पत्रिका ‘परिणय’ एवं सुरेश शर्मा की ‘सिने तारिका’ तथा विनोद कापड़ी की ‘इकोनामी’ एवं पूनम भारत की ‘भूमंडल दर्पण’ पत्रिका काफी चर्चित रही जो बाद में बंद हो गयी। सुरेन्द्र बीनू सिन्हा की ‘विविध संवाद’ 36 वें वर्ष में निरंतर प्रकाशित हो रही है।  गौरव शर्मा की ‘हिन्दुत्व’ पत्रिका निकल रही है। उर्दू समाचार पत्रों में ‘हुब्बे वतन’ जगन्नाथ साहनी, ‘कौमी हमदर्द’ आला हजरत से शकील निजामी का ‘शान ए बरेली’ वहीर्दउर रहमान का ‘कौमी हमदर्द’ जमील खां ‘तजकरा’ एवं रसा खां का ‘नदरत’ भी बंद हो गये।  ‘तर्जुमान’ बरेली का प्रकाशन हो रहा है। नफीस भारती के बेटे रईस मियां उर्फ गुड्डू देख रहे हैं। जफर नकबी का ‘पैगामे ए वफा’, इदरीश शम्सी ‘यूथ गजट’ अशरफ खां का ‘बरेली टाइम्स’ साप्ताहिक ‘निशान ए राह’, ‘रूहेलखण्ड अखबार’ तेजबहादुर सिन्हा ने, एवं ‘रूहेलखण्ड टाइम्स’ नरेश बहादुर ने प्रकाशन किया जो अपने समय के प्रमुख अखबार में गिने जाते थे।  जफर नकवी का ‘पैगाम-ए-बफा’, इदरीस शम्सी का ‘शम्सी यूथ गजट’ शकील निजामी का ‘शान-ए-बरेली’ अशरफ खां का ‘बहेड़ी टाइम्स’, साप्ताहिक ‘निशान राह’ निकलते थे अब ये अखबार बंद हैं। दैनिक पत्र निकालने मेें अनेकों पत्रकारों ने प्रयास किये परन्तु राजकुमार गर्ग ने ‘युगवार्ता’ के नाम से मो. गढ़ैया से ‘हिंदी दैनिक’ का शुभारंभ किया। यह सांध्यकालीन दैनिक था। इस के बाद ‘प्रदर्शक’ का राम दयाल भार्गव ने 1967 सांध्य अखबार निकाला परंतु वह भी अधिक नहीं चला। 17 जनवरी 1969 को बरेली के  प्रेमनगर से ‘दैनिक अमर उजाला’ का प्रकाशन शुरू हुआ। इसका प्रकाशन आगरा से भी होता था। इसकी गिनती अच्छे समाचार पत्रों में होती थी। डोरी लाल अग्रवाल और मुरारीलाल माहेश्वरी ‘अमर उजाला’ के संस्थापकों में से थे। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र अशोक कुमार अग्रवाल, अतुल कुमार माहेश्वरी, राजुल माहेश्वरी संपादक/प्रकाशक हो गये। वर्ष 11 फरवरी 1974 को तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष लक्ष्मण दयाल सिंघल ने ‘दैनिक विश्व मानव’ का प्रकाशन शुरू कराया जिसके संपादक रामगोपाल शर्मा थे। इसके बाद रामदयाल भार्गव ने भी ‘दैनिक विश्व  मानव’ को चलाया। ‘दैनिक विश्व मानव’ की बंदी होने के कुछ साल वाद सांसद रहे प्रवीण सिंह ऐरन ने ‘दैनिक विश्व मानव’ को खरीद  1990 के दशक में इसे कई वर्षों तक चलाया। साथ ही अपना ‘सिटी न्यूज चैनल’ भी चलाया जो आजकल बंद हो गया है। वर्ष 30 नवंबर 1976 को ‘दैनिक अमर उजाला’ छोड़ने के बाद जे. बी. सुमन ने ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ का प्रकाशन शुरू किया। उस समय उनके साथ श्री रामा बल्लभ शर्मा, अनुराग दीपक, निर्भय सक्सेना, सुधीर महान, दिनेश पवन, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा राजेन्द्र पांडे आदि लोग साथ थे। ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ आज भी 46 वर्ष बाद  निर्वाध रूप से उनकी पुत्रवधू सरिका सुमन पत्नी प्रशांत सुमन निकाल रही हैं। श्री जे. बी. सुमन इससे पूर्व ‘स्वराज्य’, ‘बरेली एक्सप्रेस’, ‘कुमुदनी’ का प्रकाशन कर चुके थे। ‘दैनिक अमर उजाला’ ने अपने 26 अप्रैल 1981 को ‘दिशाभारती’ का प्रकाशन शुरू किया था। मनु नीरज ने ‘खुली खबरें’ तथा विशाल गुप्ता ने ‘अजमेरा पत्रिका’ निकाली। जिसे अब बंद कर दिया गया। हरीश गुप्ता ने वर्ष 1985 में सिटी स्टेशन के सामने से ‘दैनिक नवसत्यम’ निकाला जो कुछ साल चलकर बंद हो गया। ‘खुसरो मेल’ भी (शेर अली जाफरी) कुछ समय बाद चलकर बंद हो गया।  वर्ष 1989 में बरेली से ‘दैनिक आज’ एवं ‘दैनिक जागरण’ का भी प्रकाशन शुरू हुआ। इसके कुछ वर्षों बाद ‘दैनिक हिंदुस्तान’ बरेली आ गया जो अभी भी अपने व्यापक प्रसार के साथ चल रहे हैं। इसके बाद सरदार कमल जीत सिंह ने बरेली मे ‘दैनिक जनमोर्चा’ 2014 में, कन्हैया गुलाटी ने ‘केनविज टाइम्स’ तुषार चन्द्रा एवं राकेश कोहरवाल  ने ‘पांचाल रूहेला’ डा. दीपक अग्रवाल का ‘संवाद केसरी’, ‘युवा हस्ताक्षर’ का भी प्रकाशन बरेली से हुआ। चन्द्रकांत त्रिपाठी ने ‘नमस्कार बरेली’ निकाला जो बहुत जल्दी दम तोड़ गया अब उनका रुहेलखंड पोस्ट निकल रहा है। डा. केशव कुमार ने ‘अमृत विचार’,  दैनिक जागरण ग्रुप ने ‘इंक्लाव’ का प्रकाशन किया। जिसे संवाददाता के रूप में श्रीमती रखशंदा देख रही हैं जबकि सहारा ग्रुप से ‘रोजनामा’ के एम. कौसर संवाददाता है। इसके अलावा बरेली में आजकल ‘विश्व आई न्यूज’, ‘बरेली की आवाज’, ‘बुलंद भारत’ के अलावा ‘सिटी संगम’, गुरूवचन का ‘रूबरू’ सहित कई पोर्टल पेपर निकल रहे हैं। संजीव कुमार शर्मा उर्फ गंभीर का ‘गंभीर न्यूज’ और ई-पोर्टल और गोपाल अग्रवाल की ऑल राईट मैगजीन निकल रही है। विशाल श्रीवास्तव अवध की आवाज के बरेली प्रतिनिधि हैं और पत्रकार समाज कल्याण समिति के मंडल अध्यक्ष हैं। आज भी कई पोर्टल एवं ई-पेपर बरेली से प्रकाशित हो रहे हैं। कोरोना काल में आजकल समाचार पत्रों की प्रसार संख्या पर भी प्रभाव पड़ा है। महिला पत्रकारों में नूतन सक्सेना, पूनम भारत, दीक्षा सक्सेना, मनु नीरज, रक्षंदा, सुचित्रा सिंह, शाहिस्ता, सुचित्रा डे आदि भी बरेली में कार्यरत रहीं।
बरेली के पत्रकारों में आजकल अमोल कुमार कौशिक, प्रदीप कुमार तिवारी, दीपचन्द तिवारी ;हिंदुस्तानद्ध अभिषेक जैन मिश्रा, अंकित कुमार , अजय शर्मा, उमेश शर्मा ;दैनिक जागरणद्ध अनूप गुप्ता, अजीत सिंह, सचिन (अमर उजाला) राकेश शर्मा रजनीश उमेश शर्मा (अमृत विचार) राजीव रंजन, राजीव कुमार सिंह, राकेश कुमार कश्यप (दैनिक आज) कुमुद शर्मा, प्रदीप कुमार मिश्रा, विवेक मिश्रा (जनमोर्चा) शंकर दास (जनसत्ता) अक्षत अग्रवाल, दिव्य अग्रवाल (संवाद केसरी) अमित शर्मा, अशर्फी लाल (राष्ट्रीय सहारा) रईस अहमद (तर्जमान) शाहिद हुसैन (आवाम-ए-हिंद) शहजाद अली, अविन्दर सिंह मिक्की, अमरजीत (युवा हस्ताक्षर) दिनेश पवन, मलिक राजपूत (दैनिक दो टूक) मोहम्मद समी (दैनिक शेखर टाइम्स) रवि सक्सेना (वीर अर्जुन) भगवत सरन प्रजापति (पंजाब केसरी) कुंवर दीप (टाइम्स आफ इंडिया) फिरोज खान (पायनियर) सारिका सुमन (दिव्य प्रकाश रवीन्द्र सिंह (दैनिक राष्ट्रीय स्वरूप) शोभित अग्रवाल (उर्दू तस्वीर अवाम) राम कुमार गुप्ता (दैनिक रोटी राम) नाजिया अंजुम (दूरदर्शन केन्द्र) अनूप कुमार मिश्रा (एबीपी न्यूज) नीरज आनंद (न्यूज 24) रमेश कुमार (पीटीआई) विकास सक्सेना (न्यूज 18) सुबोध मिश्रा (जी न्यूज) दीपक कुमार (शार्प मीडिया न्यूज) कृष्ण गोपाल राज (आज तक) हरि शर्मा (न्यूज 18) कुमार विनय, अखिलेश कुमार, हरीश चन्द्रा (सहारा समय) शिव शर्मा (ए.एन.आई) मनोज कुमार (न्यूज मेशन) रंजीत सिंह (एन.डी.टी.वी) मनोज कुमार (न्यूज मेशन) जावेद खां ( न्यूज वर्ल्ड) विकास वर्मा वन न्यूज दीपक कुमार शर्मा (नेशनल वाइस) जितेन्द्र कुमार (टीवी 100) रंजीत, श्रीपाल, (ई.टी.वी. भारत) आशीष गुप्ता (इंडिया न्यूज) अभिषेक कुमार (जन टीवी) विशाल गुप्ता/गजेन्द्र त्रिपाठी (बरेली लाइव) गोपाल अग्रवाल, मोहम्मद शीराज खान, अमरजीत, हर्ष साहनी (आल राइट), अनुराग उपाध्याय (बोल बरेली) निर्भय सक्सेना, दिनेश पवन (स्वतंत्र पत्रकार), पवन सक्सेना, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, , महेश पटेल, अखिलेश सक्सेना, राजेन्द्र पांडे, फिरासत हुसैन, महेन्द्र मनुज स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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निर्भय सक्सेना, की ‘कलम बरेली की’ पुस्तक से साभार

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