बदायूं। रोटी, कपड़ा और मकान ये तीन चीजें हर किसी के लिए मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं, रोटी और कपड़े का प्रबंध तो हर कोई किसी तरह से कर लेता है, लेकिन अपना मकान हो, ये सपना सभी का पूरा नहीं हो पाता है। आशियाना छोटा हो या बड़ा, अपना आशियाना अपना ही होता है। कोई गरीब बगैर घर के न रहे, उसके सपनों का घर बने। घर बनने के सपने को साकार होता देख प्रत्येक लाभार्थी अब प्रधानमंत्री को धन्यवाद दे रहा है। क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऐसे निर्धन, मजबूर व्यक्तियों के घर बन गए हैं, जिन्हें घर बनवाना बहुत मुश्किल और सपना लगता था, इसी सपने को साकार कर गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के अंतर्गत उनके आवास तेजी से बनवाए जा रहे हैं। बिसौली निवासी लाभार्थी अफरोज़ जहां कहते हैं कि पहले मेरा कच्चा घर था, कढ़ियाँ बगैरह पड़ी हुई थी, घर के अंदर की छत बरसात में गिर गई थी, उस वजह से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, उसके बाद मैंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत घर बनवाने के लिए आवेदन किया, जिसके ज़रिए आज मेरा पक्का घर बनकर तैयार हो चुका है। सरकार द्वारा यह बहुत ही अच्छी योजना संचालित की जा रही है, जिसके ज़रिए अब गरीबों के घर भी बन रहे हैं। मौहल्ला कादरी काॅलोनी निवासी सलमा बेगम कहती हैं कि पति सिलाई का काम करते हैं, पहले किराए पर रहते थे, अपना प्लाॅट खाली पड़ा था, इस योजना में आवेदन के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के ज़रिए अब सर के ऊपर पक्की छत मिल गई, अब ज़िदगी अच्छी गुज़र रही है। प्रधानमंत्री जी को इसके लिए दिल से धन्यवाद। मौहल्ला नाहरखाँ सराय निवासी नेत्रवती कहती हैं कि पहले हम छप्पर डालकर रहते थे, कच्ची छत थी, बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत होती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत अब हमारा पक्का मकान बन गया है। घर के सभी सदस्य अब खुश हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री जी का बहुत-बहुत धन्यवाद। पीओ डूडा देवेश कुमार ने अवगत कराया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के 18711 आवास स्वीकृत किए गए, जिसके सापेक्ष 13430 को प्रथम किस्त, 11779 को द्वितीय किस्त एवं 2943 लाभार्थियों को तृतीय किस्त दी जा चुकी है। पीडी डीआरडीए अनिल कुमार ने अवगत कराया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 11051 आवासों का आवंटन किया जा चुका है।