बरेली। दलित समाज पर हो रहे लगातार अत्याचारों को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। पार्टी पदाधिकारी राजेश तिवारी एडवोकेट ने कहा कि अक्टूबर माह के प्रथम पखवाड़े से देशभर में दलितों के खिलाफ बढ़ती घटनाएं न केवल समाज के लिए चिंताजनक हैं, बल्कि पूरे राष्ट्र को झकझोर देने वाली हैं। ज्ञापन में रायबरेली की दर्दनाक घटना का उल्लेख करते हुए बताया गया कि वहां दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वहीं एक अन्य मामले में जातिवादी मानसिकता के चलते एक वकील ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंक दिया। हरियाणा में दलित आईपीएस अधिकारी पूरण कुमार को इतना मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इसके अलावा लखनऊ के बांद्रा क्षेत्र में 11वीं कक्षा की दलित छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को भी उदाहरण के रूप में सामने रखा गया। पार्टी ने कहा कि इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह विफल हो रही है। जब विपक्ष इन मुद्दों को उठाता है तो उसे विरोधी प्रचार बताया जाता है, जबकि सरकारी आंकड़े खुद इन दावों का खंडन कर रहे हैं। पार्टी ने मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश दिए जाएं कि वह इस प्रकार की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे। ज्ञापन सौंपने वालों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सतीश कुमार सिंह, उमेश चंद्र, नरपाल, मोईनुद्दीन, हरी बाबू सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।