श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी पर तख्त श्री पटना साहिब से 13 अक्टूबर को बरेली पहुंचेगा शहीदी नगर कीर्तन।

बरेली। दिल्ली के चांदनी चौंक (अब सीस गंज) में 1675 में सिक्खों के नौवें गुरू, साहिब श्री गुरू तेग बहादुर साहिब द्वारा कश्मीरी पंडितों की गुहार पर तिलक एवं जनेऊ की रक्षा हेतु तत्कालीन शासक औरंगजेब जेब के अत्याचार के खिलाफ तीन सिक्खों, भाई मती दास जी, भाई सती दास जी एवं भाई दिआला जी सहित अपना बलिदान देकर हिन्दू धर्म की रक्षा की l शहादत के 350 वर्ष पूर्ण होने पर उन्हें याद करते हुए शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नगर कीर्तन के बाद अब दशमेश पिता की जन्म भूमि श्री पटना साहिब (बिहार) की ओर से आयोजित ऐतिहासिक शहीदी नगर कीर्तन जो कि 17 सितंबर को प्रारंभ हुआ था, देश के विभिन्न शहरों से होता हुआ 13 अक्टूबर को शाम 5 बजे पीलीभीत मार्ग से बरेली पहुंचेगा। शहीदी नगर कीर्तन में रंजीत नगाड़ा, पांच निशांनची, पांच पियारे, गुरू साहिब के शास्त्रों की बस, दरबार साहिब के ग्रंथी साहिबान साहिब श्री गुरू ग्रंथ साहिब को सुसज्जित बस में लगभग 25 कारो-जीपो के काफिले क साथ शहीदी नगर कीर्तन के रूप में आ रहे हैं। बरेली में यह पवित्र शहीदी नगर कीर्तन 13 अक्टूबर को शाम 5 बजे पीलीभीत रोड बैरियर, गुरुद्वारा नानकसर के सामने से प्रवेश करेगा। खालसा ग्राउंड आदि नाथ चौराहा गुरुद्वारा दूख निवारण संजय नगर होता हुआ गुरुद्वारा गुरू गोबिन्द सिंघ नगर मॉडल टाउन में रात 9 बजे पहुँचेगा। शहीदी नगर कीर्तन में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी भव्य बस में पाँच प्यारों की अगुवाई में, गुरु साहिबान के शस्त्रों सहित लगभग 300 लोग वाहनों से नगर कीर्तन के साथ आ रहे हैं। यह दिव्य शहीदी नगर कीर्तन बरेली शहर में सभी के दर्शन हेतु आ रहा है। गुरू गोबिन्द सिंघ नगर में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 14 अक्टूबर को यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा गुरू गोबिन्द सिंघ नगर से प्रेमनगर, गुरुद्वारा जनकपुरी, झूले लाल द्वार, गुरुद्वारा इज्जत नगर होता हुआ काशीपुर के लिए प्रस्थान करेगा। बरेली की समस्त गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीयां, समस्त जत्थे बंदीआं, गुरू नानक नाम लेवा संगत, पंजाबी – हिन्दू संगठन शहीदी नगर कीर्तन का स्वागत करेंगे।