कासगंज। गुरुद्वारा प्रबंधन के क्षेत्रीय प्रमुख सरदार भगत सिंह ने बताया कि ज्ञानी जी पटना से चलकर सोरों तीरथ नगरी में उस स्थान का दर्शन करने आए जिस स्थान पर महान संत बाबा साधू सिंह ने स्वयं समाधि ले ली थी। स्थानीय लोगों से गुरुद्वारा की जानकारी मिलने पर वह गुरुद्वारा पहुँचे जहाँ श्रृद्धालुओं ने उनका भव्य स्वगत किया।. सेवादार लक्खा सिंह ने उन्हे सरोपा पहनाया। इसके अलावा सरदार इंदरजीत सिंह, अनूप सिंह, सभासद जय सिंह, राकेश सिंह, सतनाम सिंह, बंटी सिंह, चन्नी सिंह आदि ने फूलमालाएँ पहनायीं. इस मौके पर ज्ञानी रंजीत सिंह ने कहा.यह क्षेत्र श्रीहरि भगवान विष्णु जी की अवतार भूमि है। इसी क्षेत्र दर्शन करने के लिए श्री गुरु नानक देव,और श्री गुरु हरगोविंद साहब जी भी आए थे।. यहाँ गुरु हरगोविंद साहब जी के चार चार हस्तलिखित हुकनामा भी है जिसमें उन्होंने लिखा है की 400 साल बाद मेरा सिक्ख परिवार इस पावन स्थान पर गुरुद्वारा की पुण्य स्थापना करेगा साथ यहां आने वाले सभी यात्रियों को गुरु का लंगर मिलेगा. जो भी यहां आकर सच्चे मन मनौती मागेगा उसकी वह मनोती पूर्ण होगी. ज्ञानी जी ने कहा कि हमारी भारत की धरती महापुरुषों की धरती है जहां भगवान विष्णु के समय समय पर अवतार हुए. सोरों में श्रीहरि ने वारह भगवान का अवतार लेकर धर्म और धरती की रक्षा की. आज यह पावन स्थान केवल प्रचार के अभाव में पिछड़ा पड़ा है. इस स्थान से सभी को जुडना चाहिए यहाँ की सुख सुबिधाओं कि लाभ उठाकर गुरु सेवा करके जीवन को सफल बनाना चाहिए सारी व्यवस्थाएँ रवींद्र सिंह की देखरेख में चल रही है.