शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता : चुनौतियां व अवसर” विषय पर चल रही दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन हो गया । प्रातः कालीन सत्र में डा अभिजीत मिश्रा और डा रजत कुमार सिंह के संचालन में दो तकनीकि सत्र आयोजिक किए गए । प्रथम सत्र में 17 और द्वितीय सत्र में 22 शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए । राजकीय महाविद्यालय, चिन्यालीसौड़ , उत्तरकाशी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुगंधा वर्मा और श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी, गजरौला की सारिका श्रीवास्तव को बेस्ट पेपर अवार्ड दिया गया। समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए रज्जू भैया विश्वविद्यालय, प्रयागराज की प्रो अर्चना चंद्रा ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में नौकरियों और रोज़गार के अवसरों की अच्छी संभावनाएं हैं। यह डर निराधार है कि ए आई आने पर रोज़गार घटेगा। मुख्य वक्ता बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के डा शंभु नाथ सिंह ने कहा कि ए आई आज की अवश्यकता बन गया है। इसीलिए इसे सभी वर्गों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किए जाने की अवश्यकता है। मुख्य अतिथि फार वेस्टर्न यूनिवर्सिटी नेपाल के प्रो हरि सिंह सौद ने कहा कि आने वाले समय में देशों की सभी क्रियाएं ए आई संचालित होंगी। अतः दुनिया के सामने गोपनीयता की चुनौती और तीव्र विकास के अवसर होंगे। डा रूपक श्रीवास्तव के संचालन में हुए समापन सत्र के अंत में सेमीनार सचिव डॉ गौरव सक्सेना ने रिपोर्ट प्रस्तुत की और संयोजक प्रो.अनुराग अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर डा एम एम कॉलेज मोदीनगर से डा. वेद प्रकाश , हिमांचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से डा के के वर्मा , बुंदेलखंड विश्विद्यालय से डा. ज्योति मिश्रा, डा देवेंद्र सिंह, डा संदीप अवस्थी, डा. अंकित अवस्थी, डा कमलेश गौतम डा.अजय कुमार वर्मा, बृज लाली, अखंड प्रताप सिंह, डा मोहनी शंकर आदि उपस्थित रहे।