उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा बदायूँ। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के आह्वान पर बदायूँ इकाई ने भारत सरकार की वित्त मंत्री को ईमेल के माध्यम से २ सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। जिसमें मांग करते हुए जिलाध्यक्ष अरविंद गुप्ता ने अपील की है कि कोरोना कर्फ्यू और लाकडाउन के चलते कारोबार और व्यवसायिक गतिविधियां ठप हैं। सरकार द्वारा अप्रैल माह की जीएसटी रिटर्न फाइल करने की तारीख कोविड-१९ के प्रभाव को देखते हुए बढ़ा दी गई है तथा दैनिक जुर्माने में भी छूट दी गई है। परंतु सरकार ने जमा की जाने वाले जीएसटी कर के जमा करने में कोई छूट नहीं दी गई है। जिससे व्यापारी को बाजार बंद के कारण जिस का व्यापारी का कोई दोष नहीं है जीएसटी टैक्स देर से जमा करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ जाएगा अगर व्यक्ति की गलती नहीं है और उसने जानबूझकर देरी नहीं की है तो उस पर किसी प्रकार की पेनल्टी या ब्याज नहीं लगाया जाना चाहिए। ,कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन की वजह से व्यापारियों के व्यापार के साथ साथ सभी चार्टर्ड अकाउंटेंटों और टैक्स प्रोफेशनल के दफ्तर भी बंद है । ऐसे में जीएसटी कर का भुगतान करने वाले करदाताओं को जीएसटी कर भरने में देरी की वजह से लगने वाले ब्याज को माफ कर कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए। एक तरफ तो कई कर सलाहकार, लेखापाल, व्यापारी और उनका स्टाफ या उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य कोरोना से पीड़ित है दूसरी तरफ जीएसटी करदाता भारी पेनल्टी और ब्याज की मार से भयभीत हैं।इन हालातों में रिटर्न प्रस्तुत करना संभव नहीं है। जीएसटीआर १ प्रस्तुत नहीं होता है तो नियमानुसार खरीददार व्यापारी को आइटीसी का क्लेम नहीं मिल पाएगा और नकद कर जमा करने की स्थिति उत्पन्ना हो जाएगी। यह ठीक नहीं है। सरकार को जीएसटी टैक्स जमा करने की तारीख को लॉकडाउन पीरेड तक स्थगित करने की मांग संगठन ने की है