बदायॅू में अवतरित हुआ वृन्दावन, राधा रसिक बिहारी का द्वितीय प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से हुआ

बदायूँ। श्री राधा रसिक बिहारी मण्डल, के तत्वावधान में द्वितीय प्राकट्य सेवा सौभाग्य महोत्सव, बहुत धूमधाम से मनाया गया। शाम से ही स्थानीय राजमहल गार्डन में रसिक जनों का आगमन आरम्भ हो गया, जिनका स्वागत मण्डल के पदाधिकारियों द्वारा चन्दन-कुमकुम लगाकर तथा पटका धारण कराकर किया गया। आगन्तुकों के स्वागत में हुई पुष्पवर्षा ने आगन्तुकों को भावविभोर कर दिया। रसिकजन श्रीराधा रसिक बिहारी जी के शीशमहल के दिव्य रूप से सुसज्जित कुंज के दर्शन पाकर स्वंय को वृन्दावन के भावों से विलय पाकर आनन्दित हो उठे। श्रीराधा रसिक बिहारी जी की निर्मल छवि देखते ही बन रही थी।

एक वारगी कुंज के दर्शन कर भक्तजन वृन्दावन और बरसाने की अनुभूति कर भाव विभोर हो गये। कार्यक्रम का आरम्भ मण्डल के वरिष्ठ सदस्य कृष्ण गोपाल जी ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जला कर किया तथा माॅ सरस्वती का पूजन मण्डल के वरिष्ठ सदस्य रामकिशन दास जी ने किया। भजनों की पावन फुआर का आरम्भ श्री राधा रसिक बिहारी मण्डल, बदायॅू के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश ने ‘वसा लो मुझे वरसाना‘ भजन से हुआ। मण्डल के रजत ने जब ‘छोटी सी किशोरी मेरे अंगना में डोले रे‘ भजन प्रस्तुत किया तो रसिक जनों के आखों के सामने किशोरी जी के बचपन का परिदृश्य जीवन्त हो उठा। मण्डल के शिवम ने ‘नाम मेरी राधा रानी का जिस जिस ने गाया है‘ भजन गाकर समां बांध दिया। राधा माधव मण्डल, पीलीभीत के दीपू अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, अर्पित शुक्ला ने जैसे ही वृजभाव भजन नौका की पतवार थामीं, तो रसिकजनों ने श्रीराधा रसिक बिहारी जी के प्रेम में गोता लगाना आरम्भ कर दिया। भजनों की ध्वनि के साथ रसिकजनों की लयवद्ध जयघोष ध्वनि हर किसी को वृन्दावन/ बरसाने का अहसास दिला रही थी। श्याम संकीर्तन मण्डल, बिसौली के मनोज यादव ने अपने भजनों से रसिक जनों के मध्य बृजयात्रा का माहौल बना दिया। भक्तजन बृज की कुंज गलियों में विचरण करते रहे।

रसिक जनों के मध्य, राधा रसिक बिहारी चरण कमल वंदन भजनामृत के वृजभाव लिए पठानकोट से पधारे अतुल कृष्ण शास्त्री कुंज की सेवा में मंच पर आये तो भक्तजनों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। मण्डल के पदाधिकारियों ने उनका अभिनन्दन पुष्प हार पहनाकर तथा श्रीहरि पटका पहनाकर किया। शास्त्री जी के राधा संकीर्तन का आगाज होते ही रसिकजन भक्ति धारा में वहते चले गये। राधा रानी स्वयं कुंज में विराजमान होते ही भक्तजन कृष्ण राधा की विलक्षण क्षवि में झूमते नजर आए। कार्यक्रम के मध्य मण्डल की महिला सदस्य मंजरी गुप्ता, यशी सक्सेना, शोभा गुप्ता, पायल गुप्ता, उमा शर्मा, रीमा गुप्ता, शीतल गुप्ता, वर्षा वर्मा, निशा गुप्ता, आराधना, प्रगति, सलौनी, ऐश्वर्या सक्सेना, कशिश सक्सेना, वृन्दा, सौम्या, मनी गुप्ता, यामिनी, शिखा, रेशल, अराधना सक्सेना, अमीषा सक्सेना, रश्मि वर्मा, दिव्या सक्सेना सहित अन्य कुंज सखियों ने मंगल गान करते हुए बधाईयाॅं प्रस्तुत की तो एक वारगी समूचा बरसाना बदायॅू की पावन धरा पर अवतरित हो गया। हर कोई बधाई गाने और राधा रमण बिहारी लाल जी के रंग में रंगने को आतुर दिखा। भक्तजन उल्लास से ओत-प्रोत हो पुष्पवर्षा करते और भक्ति धुनों पर झूमते नजर आये। उत्साह और आनन्द अपनी चरमसीमा को पार करता रहा, लेकिन भक्तजन महोत्सव को समापन की ओर ले जाने के लिए सज्ज नही दिखे। श्रीराधा रसिक बिहारी जी के विश्राम का समय हो जाने के कारण महोत्सव का समापन स्थानीय हरप्रसाद मंदिर के प्रधान पुरोहित श्री चन्द्र प्रकाश पाठक जी ने कुंज की आरती, कर किया। भजन रस से ओतप्रोत रसिकजनों ने प्रसाद-भोज ग्रहण कर महोत्सव के सफल आयोजन हेतु आयोजक मण्डल को बधाई दी और अग्रिम वर्ष के महोत्सव में अपनी अपनी सक्रिय सहभागिता की प्रवल इच्छा प्रकट की। महोत्सव में उपस्थित आये सभी भक्त जनों का मण्डल के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सहित रामकिशन दास, पंकज सक्सेना, राजेश शर्मा, कपिल रस्तोगी, ओमनारायण, अमित रस्तोगी, जितेन्द्र प्रकाश, दीपक वर्मा, नारायण प्रकाश, राम प्रकाश, जय प्रकाश, अजय प्रकाश, सचिन कुमार, संदीप वर्मा, विक्की देवल, पुष्पेन्द्र गुप्ता, राम प्रकाश, सत्यनारायण, राहुल, रजत, रोमी, पी0डी0 अम्निहोत्री, कुलदीप गुप्ता, राम सक्सेना, शिवम सक्सेना ने आभार व्यक्त किया।