बदायूँ । प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग बदायूॅ प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि माह सितम्बर 2024 में जनपद बदायूॅ के विभिन्न क्षेत्रों में वन्य जीव के वजह से मानव वन्य जीव संघर्ष की कोई भी घटना घटित हुई नहीं है। बदायॅू वन प्रभाग में चारों रेंजों के अन्तर्गत कोई भी मानव वन्य जीव से संबंधित घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। फिर भी विभिन्न वन्य जीव जैसे-बाघ, तेन्दुआ, भेड़िया, सियार आदि की आशंका को ध्यान में रखते हुए वन कर्मियों द्वारा चारों रेंजों में निरन्तर रात्रि गश्त की जा रही है। क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था तथा जागरूकता सुनिश्चित किये जाने हेतु रेंज स्तर पर टीमें गठित की गयी है, जो अपने-2 क्षेत्रों में रात्रि गश्त कर रही हैं। उन्होंने मानव वन्य जीव संघर्ष की घटना को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के समस्त ग्रामवासियों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें व वन्य जीव के दिखायी देने पर तत्काल वन विभाग/तहसील/पुलिस विभाग से सम्पर्क करें तथा रात्रि में घर से अकेले न निकले। आवश्यकता होने पर ग्रुप में ही रात्रि में बाहर जायें एवं टार्च, डण्डा साथ रखें तथा घर के आस-पास पर्याप्त रोशनी रखें व बुर्जुगों ,महिलाओं एवं बच्चों को घर से अकेले न निकलने दें। उन्होंने कहा कि रात में घर के अन्दर अथवा छत पर सोये, ताकि रात में किसी वन्य जीव द्वारा किसी अप्रिय घटना को अन्जाम न दिया जा सके। यदि किसी घर में दरवाजे कमजोर हो या न हो, तो उनकी व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाये। रात्रि में घर का दरवाजा बन्द रखें। यदि किसी परिवार में वन्य जीव के हमले के कारण कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो उसकी सूचना वन विभाग/राजस्व विभाग/पुलिस विभाग को तत्काल दें। उन्होंने कहा कि किसी भी वीरान जगह पर अकेले विचरण न करें। खेतों में समूह में जायें। आवाज करते रहें, ताकि जानवर को आपकी उपस्थिति का पता चल सके और वो दूर चला जाये। वन्य जीव कभी भी अनावष्यक रूप से किसी पर हमला नहीं करते। अतः किसी तरह से जानवरों को उकसाने की कोशिश न करें। इस समय सियारों का प्रजनन काल चल रहा है, अतः गन्ने के खेत में अकेले न जायें । उन्होंने कहा कि सियार पारिस्थितिकीय तंत्र का एक महत्वपूर्ण जीव है, जिसके होने से प्रकृति का सफाई तन्त्र चलता रहता है, यह कुत्ते की तरह दिखता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि किसी भी प्रकार का कूड़ा व खाने का सामान खुले में न फेकें, ताकि वन्य जीव खाने की तरफ आकर्षित होकर गॉव के अन्दर न आये।