डॉ अंबेडकर जयंती पर आकर्षक झांकियों के साथ धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई

बदायूं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव समारोह समिति के तत्वाधान में संविधान निर्माता बोधिसत्व बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का 133 वा जन्मोत्सव समारोह बड़ी धूमधाम से जनपद में मनाया गया। बुद्ध के चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूज्य भंते द्वारा बुद्ध वंदना प्रारंभ की गई। बुद्ध वंदना के बाद बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जो अनवरत दोपहर तक चलता रहा हजारों संख्या में महिला पुरुष और बच्चों व गणमान्य लोगों द्वारा बाबा साहब डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया ।

दोपहर को अस्पताल के सामने अंबेडकर पार्क से अंबेडकर जी के जन्मोत्सव पर शहर में बैंड बाजों और सुसज्जित झांकियां के साथ विशाल भव्य शोभायात्रा निकलना शुरू हुई। शोभा यात्रा का कई जगह पुष्प वर्षा कर लोगों द्वारा स्वागत किया गया। कमेटी के प्रमुख पदाधिकारियों का फूल माला पहनाकर जनता ने स्वागत किया । शोभायात्रा में शामिल झांकियां और बच्चों के स्कूली बैंड आकर्षण का केंद्र रहे । बैंड में शामिल कलाकारों ने भी भीम धुन बजाई तो लोग झूम उठे। जगह-जगह पर लोगों ने शोभायात्रा में शामिल लोगों के लिए ठंडा पानी , शरबत ,बूंदी के लड्डू ,खिचड़ी भोज, खीर पूड़ी कोल्ड ड्रिंक आदि की व्यवस्था की ।

कलाकारों ने अपने प्रदर्शन से लोगों का मन मोह लिया । भीम के गानों पर नाचते हुए युवाओं का जोश देखने लायक था। स्कूली बच्चों की झांकियां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहीं। शोभायात्रा में नाचते गाते कलाकार अलग ही छटा बिखेर रहे थे । इसके अलावा बाबा साहब , माता रमाबाई और बुद्ध बने कलाकारों ने धूम मचा दी । शोभायात्रा में अनेक महापुरुषों की झांकियां शोभायात्रा को भव्य रूप प्रदान कर रही थी ।शोभा यात्रा जिला अस्पताल के सामने अंबेडकर पार्क से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गो जैसे परशुराम चौक, गद्दी चौक, रजी चौक, जफा साहब की कोठी,से गुजरती हुई शहबाजपुर, सर्राफा मार्केट , शास्त्री चौक, खैराती, चौक, नेहरू चौक, लौटनपुरा, छह सड़का , शिव मंदिर से होती हुई गांधी ग्राउंड में पहुंचकर शोभायात्रा का समापन हुआ। बाद में शोभा यात्रा एक विशाल जनसभा में परिवर्तित हो गई ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेवाराम चौधरी सेवानिवृत्ति संयुक्त महानिदेशक भारत सरकार नई दिल्ली थे ।
मुख्य वक्ता आरके गौतम सेवानिवृत्ति सहायक स्टांप आयुक्त व किरण केसरी थे। मुख्य अतिथि मेवाराम चौधरी ने कहा कि बाबा साहब विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे । उन्होंने सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था । श्रमिकों किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था । मुख्य वक्ता आरके गौतम ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने अपना सारा जीवन समानता भाईचारे और मानवता के लिए समर्पित कर दिया । उन्होंने दलित और पिछड़ों के उत्थान के लिए पुरजोर कोशिश की।

किरण चौधरी ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने ही हिंदू कोड बिल के द्वारा महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए तथा उन्हें जीने का हक दिया सही मायने में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महिलाओं के मुक्तिदाता है। भारतीय संविधान की मूल भावना स्वतंत्रता समानता और मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है संविधान मौलिक अधिकारों की पूर्ण गारंटी देता है उनका रक्षा कवच है।