कानपुर। में बिल्हौर कस्बे के एक गांव में बसपा के एक पदाधिकारी ने विवादित भूमि पर नई आंबेडकर प्रतिमा स्थापित कराई। इसका गैर दलित समाज के ग्रामीणों ने विरोध किया। वहीं, विवाद बढ़ने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभाला। इसके बाद दोनों पक्षों को शांत कराते हुए प्रतिमा स्थापना का कार्य रुकवा दिया। शिवराजपुर थाना क्षेत्र की सखरेज ग्राम पंचायत के सुज्जापुर गांव निवासी बसपा नेता इंद्रेश कुमार गौतम परिवार सहित लखनऊ में निवास करते हैं। रविवार को आंबेडकर जयंती के अवसर पर वह संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव आंबेडकर की एक प्रतिमा लेकर गांव में अपनी निजी भूमि पर स्थापित कराने के लिए पहुंचे थे। प्रतिमा स्थापना का कार्य आरंभ ही कराया था कि तभी वहां के ग्रामीणों ने विवादित भूमि पर बिना किसी परमिशन के प्रतिमा स्थापना कराए जाने की बात कहते हुए उसका विरोध कर दिया। देखते ही देखते दलित और गैर दलित समाज के बीच विवाद बढ़ने लगा। इसी बीच ग्रामीणों की सूचना पर शिवराजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों पक्ष के लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। पुलिस द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिमा स्थापना का कार्य भी रुकवा दिया गया और जांच शुरू की गई। इसी दौरान एसीपी अजय त्रिवेदी भी पहुंच गए। वहीं, ग्रामीणों द्वारा ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य प्रतिमा लगवाए जाने के आरोप लगाए जाते रहे।एसीपी अजय त्रिवेदी के अनुसार जमीन की नाप राजस्व टीम द्वारा की जा रही है। बसपा नेता द्वारा आंबेडकर प्रतिमा स्थापित करने के लिए शासन अनुमति नहीं ली गई है। इसलिए मूर्ति स्थापना का कार्य रुकवा दिया गया है और गांव में शांति व्यवस्था कायम है। वहीं, नायब तहसीलदार प्रदीप त्रिपाठी के अनुसार जिस भूमि पर मूर्ति स्थापित कराई जा रही थी वह बसपा नेता की ही पाई गई है। हालांकि, शासन से परमिशन के बिना आंबेडकर प्रतिमा की स्थापना नहीं कराई जा सकती। इसलिए मूर्ति स्थापना का कार्य रुकवा दिया गया है।