दिल्ली। में अब मकानों की कमी दूर होगी। इस कमी को दूर करने में केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में दो करोड़ मकान बनाने का प्रावधान होने से पंख लगेंगे। इसके तहत सरकार किराए के मकानों, झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों की मकान खरीदने व बनाने और उनको मकान उपलब्ध कराने में सहायता करने की योजना शुरू कर सकेगी। सरकार का यह कदम वर्ष 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ बनाने के संकल्प में मील का पत्थर साबित होगा। केंद्र सरकार की दो करोड़ मकान बनाने की योजना के तहत दिल्ली में जहां झुग्गी वहीं मकान बनाने की योजना का विस्तार हो सकेगा। वहीं किराए पर रहने वाले लोगों को भी मकान मिल सकेगा। इतना ही नहीं, अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भी पॉश कालोनी में रहने का अवसर मिल सकेगा। दरअसल राजधानी में बड़ी संख्या में मकानों की कमी है। इस कारण करीब 65 हजार झुग्गी और 18 सौ अनधिकृत कॉलोनी बन चुकी है। इसके अलावा अनधिकृत कॉलोनियों, गांवों व पॉश कॉलोनियों में बड़ी संख्या में लोग किराए पर रह रहे हैं। केंद्र सरकार दिल्ली को झुग्गी मुक्त करने की कड़ी में जहां झुग्गी वहां मकान बनाने की योजना पर कार्य कर रही है। इस कड़ी में 32 सौ फ्लैट बना दिए हैं। इनमें से करीब 25 प्रतिशत फ्लैट झुग्गी वालों को दे भी दिए हैं। अन्य फ्लैट भी झुग्गी वालों को देने की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। अंतरिम बजट में किए गए प्रावधान के मद्देनजर अन्य स्थानों पर भी झुग्गी वालों के लिए मकान बनाने की योजना पर कार्य शुरू हो सकेगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) भी नई अवासीय कॉलोनी स्वयं बनाने के साथ-साथ निजी कंपनियों से भी बनवाने की पहल कर सकेगी। उसके इस कदम से किराए पर रहने वाले लोगों की अपना मकान होने की मंशा पूरी हो सकेगी। इसके अलावा अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले उन लोगों की भी पॉश कॉलोनी में रहने की उम्मीद पूरी हो जाएगी जो मजबूरी में अनधिकृत कॉलोनी में रह रहे हैं।