लखनऊ। हॉवर्ड विश्वविद्यालय शोध और शिक्षण के मामले में दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में गिना जाता है। दुनिया के कोने-कोने से विद्यार्थी हॉवर्ड विवि में पढ़ाई और शोध के लिए पहुंचते हैं। उसी हॉवर्ड विवि से अब शोध के लिए शोधार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय आ रहे हैं। हॉवर्ड विवि में रिसर्च असिस्टेंट पद पर तैनात शोधार्थी ने नदवा पर शोध करने के लिए लखनऊ विवि को प्रस्ताव भेजा है। यह लविवि के लिए गौरव की बात है। नैक में ए प्लस-प्लस ग्रेड हासिल करने के बाद देश के साथ ही विदेश में भी लविवि का रुतबा बढ़ गया है। इसका नतीजा यह है कि यहां विदेशी विद्यार्थी इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन (आईसीसीआर) के साथ ही अन्य फेलोशिप तथा स्ववित्तपोषित प्रणाली के तहत दाखिले के लिए आ रहे हैं। बीते साल लविवि में करीब आठ सौ आवेदन विदेशी विद्यार्थियों ने दाखिले के लिए किए थे। इस साल यह संख्या पहली बार एक हजार के पार पहुंचकर 1200 तक पहुंच गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार जापान, म्यांमार, रूस और फिलीपींस जैसे देशों के विद्यार्थी अध्ययन के लिए आ रहे हैं। आवेदन के बाद आईसीसीआर इन पर मुहर लगाएगा। इन्हीं आवेदनों में से हॉवर्ड विवि के रिसर्च असिस्टेंट जॉन एस नोवाक ने नदवा पर शोध के लिए प्रस्ताव भेजा है। जॉन एस नोवाक छह महीने की अवधि के लिए अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टडी की फेलोशिप पर यह शोध करेंगे। लविवि के आईसीसीआर के सलाहकार प्रो. आरपी सिंह के पास उन्होंने आवेदन भेजा है। लविवि के पास बीते साल करीब 60 देशों के विद्यार्थियों ने दाखिले के लिए आवेदन किए थे। ये दाखिले सुपरन्यूमेरिक सीट पर होते हैं। मतलब कि लविवि में निर्धारित सीट पर इन विद्यार्थियों का दाखिला नहीं गिना जाता है। अभी तक ज्यादातर आवेदन एशियाई और अफ्रीकी देशों से आते हैं। इन विद्यार्थियों की मांग हिंदी के साथ ही उर्दू, अंग्रेजी, मैनेजमेंट तथा फॉर्मा जैसे विषय होते हैं। विवि को इन विद्यार्थियों से फीस के रूप में हर साल एक करोड़ रुपये से ज्यादा की आय भी होती है। दूसरी ओर विभिन्न रैंकिंग में भी विदेशी विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने से अच्छे नंबर मिलते हैं। लविवि के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि नैक में सर्वोच्च ग्रेड हासिल करने के साथ ही लविवि देश भर में एनईपी लागू करने वाला पहला विवि है। निश्चित ही हमें इसका फायदा मिलता है। विदेशी विद्यार्थियों की बढ़ती हुई आवेदन संख्या हमारे लिए उपलब्धि है।