राज्य विद्युत उत्पादन निगम की क्षमता में शीघ्र ही 660 मेगावाट की वृद्धि होगी। निर्माणाधीन ओबरा सी परियोजना की पहली इकाई से टेस्ट लाइटअप का कार्य शनिवार की देर रात सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अब इस इकाई की वाणिज्यिक कमीशनिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद इसे उत्पादनरत कर लिया जाएगा। कुल 1320 मेगावाट क्षमता वाली ओबरा-सी परियोजना की पहली इकाई से 660 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इतनी ही क्षमता दूसरी इकाई की है, जिसका कार्य भी अंतिम चरण में है। ओबरा-सी परियोजना का निर्माण वर्ष 2016 में हुआ था। दक्षिण कोरियाई कंपनी दुसान इसका निर्माण कर रही है। कोरोना के कारण विलंबित हुई इस परियोजना को पहले मार्च 2022 तक ही पूरा होना था। बाद में इसकी समय सीमा बढ़ा दी गई। उत्पादन निगम के उच्चाधिकारियों की देखरेख में अब इसकी पहली इकाई को लाइट अप करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत शनिवार की रात 11.59 बजे 660 मेगावाट वाली पहली इकाई का सफलतापूर्वक टेस्ट लाइटअप किया गया। इस मौके पर ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक इं. दीपक कुमार, महाप्रबंधक-सी पीसी अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता इं. अच्युतेश कुमार के साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारी और दुसान पावर सिस्टम के प्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि शीघ्र ही इकाई की वाणिज्यिक कमीशनिंग हो जाएगी। इसके बाद इकाई से प्रदेश को 660 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति होने लगेगी। इससे ओबरा परियोजना अपनी बी परियोजना के साथ सी परियोजना से विद्युत उत्पादन करते हुए विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने लगेगी। ओबरा सी की दूसरी इकाई का कार्य भी अंतिम चरण में है। इस इकाई के भी पूर्ण होने के बाद प्रदेश को 660 मेगावाट की अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति का भी मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।