शाहजहांपुर । स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय में बी कॉम कंप्यूटर विभाग द्वारा अमृत सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किए जाने वाले हर तिरंगा कार्यक्रम के प्रति छात्र- छात्राओं को जागरूक किया गया। स्वामी शुकदेवानंद जी के समक्ष दीप प्रज्जवलन के उपरान्त संगीत विभाग की अध्यक्ष डा कविता भटनागर ने, ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ गीत से कार्यक्रम का उदघाटन किया। कार्यक्रम में बोलते हुए प्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि आज तिरंगे को डिजाइन करने वाले पिंगली वेंकैया की जयंती है। उन्होंने कहा कि 2 अगस्त 1876 को पिंगली वैंकेया का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था। पिंगली वेंकैया महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे उन्होंने 1 अप्रैल 1930 को महात्मा गांधी को तिरंगा झंडा बनाकर भेंट किया था । यही तिरंगा झंडा आगे चलकर राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन का आधार बना। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसएस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा जे एस ओझा ने तिरंगे के आकार और उसके फहराने के नियमों की जानकारी छात्र छात्राओं को देते हुए कहा की अमृत महोत्सव के अंतर्गत सभी को अपने घरों पर कपड़े का तिरंगा झंडा फहराने की स्वतंत्रता दी हुई है। यह झंडा दिन और रात दोनों समय मेंफहर सकता है। पूर्व में सूर्य उदय पर झंडा फहराया जाता था और सूर्य अस्त से पहले उसे उतारना आवश्यक होता था । इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग के डा मृदुल पटेल ने कहा तिरंगा हमारी अस्मिता और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अदम्य साहस का प्रतीक है । हम सबको इसके सम्मान और मर्यादा को सुरक्षित रखते हुए 11 अगस्त से 17 अगस्त के बीच अपने घरों पर फहराना है । बीकॉम कंप्यूटर विभाग की अध्यक्ष डा बृज लाली ने सभी छात्र -छात्राओं का आवाहन किया कि आज 2 अगस्त को प्रधानमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप सभी अपने- अपने व्हाट्सएप की डीपी पर तिरंगा झंडा लगाएं। उनके आवाहन पर सभी छात्र छात्राओं ने अपनी डीपी पर तिरंगा झंडा लगाया । डा के के वर्मा के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष डा देवेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कल छात्र छात्राओं को विभाग के द्वारा तिरंगा भेंट किया जाएगा ताकि वे उसे अपने घरों पर फहरासकें । कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के आयोजन में डा गौरव सक्सेना, डा रूपक श्रीवास्तव ,अपर्णा त्रिपाठी, प्रतीक्षा मिश्रा, अखिलेश कुमार, मनीष कुमार आदि का विशेष सहयोग रहा।