बदायूं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, सीओ सिटी व अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विकास कार्याें व गोवंश संरक्षण से संबंधित जिला स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की समीक्षा बैठक की। डीएम ने समस्त खंड विकास अधिकारियों एवं समस्त अधिशासी अधिकारियों, नगर पालिका व नगर पंचायत को निर्देशित किया गया कि कहीं पर भी सड़क पर खेत में निराश्रित बेसहारा गोवंश दिखाई न दें। समस्त गोवंश आश्रय स्थलों पर पर्दे लगाए जाएं, साथ ही प्रत्येक गोवंश को झूल से ढका जाए। आवश्यकतानुसार गोवंश को खाने के लिए गुड़ दिया जाए व ही ज्यादा सर्दी पड़ने पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए। यदि किसी गोवंश आश्रय स्थल पर किसी भी गोवंश की मृत्यु सर्दी के कारण होती है संबंधित को उत्तरदाई ठहराते हुए कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि प्रत्येक गोवंश आश्रय स्थल पर रात्रि में केयरटेकर अथवा चैकीदार रहे, खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी रात्रि के समय में बीच-बीच में केयरटेकर की उपस्थिति भी सुनिश्चित करते रहें। किसी भी गोवंश आश्रय स्थल पर हरा चारा, ताजा साफ पानी एवं भूसा की व्यवस्था समुचित तरीके से रहे। गौशाला के प्रत्येक गोवंश का टीकाकरण एवं समय पर इलाज होता रहे। इलाज की कमी की वजह से अगर किसी गौवंश की मृत्यु होती है संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। मृत गौवंश के निस्तारण हेतु ग्राम सभा की जगह चिन्हित करें, जहां पर मृत गौवंश को समुचित तरीके से 6 फीट गहरे गड्ढे में दबा कर कर दिया जाए। मृत गोवंश अभिलंब ही निस्तारण कर दिया जाए। किसी डिस्प्यूट होने की स्थिति में ही शव का परीक्षण किया जाए। किसी भी गोवंश को कुत्ता, कौवा अथवा जंगली प्राणी शव को क्षत-विक्षत न करें। सभी खंड विकास अधिकारी अपने विकासखंड में सुनिश्चित करें कि निराश्रित बेसहारा गोवंश की संख्या के सापेक्ष 75 प्रतिशत के हिसाब से पहली कार्य योजना तैयार कर तत्काल प्रस्तुत करें, जिसमें 1 गोवंश आश्रय स्थल पर कम से कम सौ से डेढ़ सौ तक गोवंश संरक्षित रहे। इस अवसर पर अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।