बरेली। दरगाह आला हजरत से जुड़े धार्मिक व राजनीतिक नेता मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मौलाना तौकीर रज़ा पुत्र रिहान खान ने ग्रामीण सहकारी समिति से 29 अक्टूबर 1990 में 5055.60 रुपए का ऋण लिया था उसको जमा नहीं किया 8 अक्टूबर 2025 तक 28346.00 रुपए हो गया। बदायूं के सहकारिता विभाग ने देर रात मौलाना तौकीर रजा के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत गली वाले आवास पर 28346.00 रुपए का वसूली नोटिस चस्पा किया। सूत्रों के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा करीब तीन दशक से सहकारिता विभाग बदायूं के कर्जदार हैं। बताया जा रहा है कि यह बकाया राशि लंबे समय से अटकी हुई थी और विभाग द्वारा कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया।देर रात बदायूं की सहकारी समिति रसूलपुर पुठी विकास खंड सालार पुर की टीम ने मौके पर पहुंचकर सरकारी वसूली नोटिस घर के मुख्य दरवाजे पर चस्पा किया। नोटिस चस्पा किए जाने की सूचना फैलते ही क्षेत्र में चर्चा फैल गई। जानकारी के अनुसार, नोटिस लगाए जाने के बाद मौलाना तौकीर रजा के परिजनों और करीबी समर्थकों में आक्रोश देखा गया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि दरवाजे पर चस्पा किया गया सरकारी नोटिस फाड़ दिया गया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। सहकारिता विभाग का कहना है कि बकाया राशि की वसूली कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है और यदि भुगतान नहीं किया गया तो आगे की कार्रवाई तय है। गौरतलब है कि मौलाना तौकीर रजा का नाम प्रदेश की सियासत और धार्मिक गतिविधियों में हमेशा सुर्खियों में रहा है। अब सहकारिता विभाग की यह कार्रवाई उनके लिए नई परेशानी बन सकती है।