बरेली। फतेहगंज पश्चिमी में जायरीन का एक क़ाफ़िला इराक़ के पवित्र शहर कर्बला की ज़ियारत करके सकुशल वापस लौट आया। वतन वापसी पर परिजनों और इलाके के लोगों ने उनका भरपूर स्वागत किया। फूल मालाएं पहनाई गईं और लोग उन्हें मुबारकबाद देने उनके घर पहुंचे। जायरीन में शामिल मोहम्मद शाकिर व हाजी साबिर खांन ने बताया, “यह ज़ियारत साल के किसी भी वक़्त की जा सकती है। इसलिए हमने एक पुरसुकून माहौल में ज़ियारत करने का इरादा किया। कर्बला, नजफ़, काज़मैन और समर्रा जैसे मुक़द्दस मुक़ामात पर जाकर दिल को सुकून मिला।” उन्होंने कहा कि वहां उन्होंने मुल्क की सलामती, समाज में अमन चैन, के लिए दुआएं मांगी। ज़ायरीन की वतन वापसी पर कई जगहों पर लोगों ने उनके तजुर्बात सुने और उन्हें मुबारकबाद पेश की। ज़ियारत सिर्फ़ इबादत नहीं, बल्कि सबक है—सब्र, कुर्बानी और इंसानियत का इस दौरान- एडवोकेट इमरान अंसारी, सपा के प्रदेश प्रवक्ता साजिद खांन, आफताब आलम, सरदार अजहरी, पूर्व प्रधान आबिद खांन, सौरभ पाठक, प्रेमपाल गंगवार, असद अंसारी आदि तमाम लोगों ने स्वागत किया