बरेली । अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रान्त, बरेली के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन आज शील ग्रुप के सिटी कार्यालय में किया गया । इस अवसर पर परिषद से जुड़े साहित्यकारों ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन और उनके द्वारा रामायण पर विचार ब्यक्त किए । गोष्ठी की अध्यक्षता जनपदीय अध्यक्ष डाॅ ब्रजेश कुमार शर्मा ने की । कार्यक्रम का सफल संचालन जनपदीय मन्त्री विमलेश दीक्षित ने किया । गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने वाल्मीकि रामायण की रचना संस्कृत भाषा में की । वाल्मीकि रामायण को विश्व का पहला महाकाव्य माना जाता है । उन्होने कहा कि वाल्मीकि रामायण में आध्यात्म, संस्कृति और संस्कारों की त्रिवेणी प्रवाहित होती है । जनपदीय उपाध्यक्ष संजीव शंखधार ने महर्षी वाल्मीकि के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके जीवन के कई प्रसंग साझा किए । उन्होने कहा कि वाल्मीकि ने घनघोर तपस्या की । बरिष्ठ जनपदीय उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना ने वाल्मीकि को संस्कृत भाषा का पहला कवि बताया । अध्यक्षीय उद्बोधन में डाॅ व्रजेश कुमार शर्मा ने कहा कि वाल्मीकि रामायण में एक आदर्श राजा ,आदर्श पिता ,आदर्श पुत्र, आदर्श भाई ,आदर्श मां और आदर्श पत्नी का चित्रण महर्षि वाल्मीकि ने बड़ी सुन्दरता पूर्वक किया है । इस अवसर पर गुरविंदर सिंह, मोहन चन्द्र पाण्डेय, विमलेश दीक्षित, रितेश साहनी ,संजीव शंखधार तथा डाॅ रवि प्रकाश शर्मा ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन एवं आदर्शों पर रचित कविताओं का सस्वर पाठ किया ।