बदायूं में जीएसटी की विसंगतियों के खिलाफ वाणिज्य कर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया

बदायूं । उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय आह्वान पर व्यापारियों ने जिलाध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू एवं प्रदेश मंत्री पवन जैन के नेतृत्व में स्थानीय वाणिज्य कर कार्यालय पर जीएसटी में विसंगतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम संबोधित आठ सूत्रीय मांगपत्र डिप्टी कमिश्नर खंड द्वितीय संजीव पाठक एवं खंड तृतीय रवि कुमार जी को संयुक्त रूप से सौंपा तथा विभाग द्वारा मांगपत्र को वित्त मंत्रालय प्रेषित किए जाने की सस्तुति मांगी जिलाध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू ने मांगपत्र का हवाला देते हुए कहा कि जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही से व्यापारी अत्यन्त कठिनाइयों में है जी.एस.टी.आर.-1 फाइल करते समय बी 2 बी व बी 2 सी के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। सिर्फ व्यापारियों के उत्पीड़न के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है। 5 वर्षों की सूचनाएं व कागजात 15 दिन का समय देकर मांगे जा रहे हैं तथा फिजिकल ऑडिट के लिए टीम बनाकर व्यापारी के कार्यस्थल पर भेजी जा रही है, जबकि अधिकांश के निर्धारण पूर्व में हो चुके हैं। बार-बार नोटिस व ऑडिट किये जाने से व्यापारी उत्पीडन व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है प्रदेश मंत्री पवन जैन ने कहा कि जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन सरेण्डर करने की दशा में जी.एस.टी.आर-10 अपलोड़ किये जाने के बाद भी व्यापारी को कार्यालय में बुलाने के लिए जी.एस.टी.आर.-10 फाइल करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है तथा सचल दस्तो के द्वारा पूरा टैक्स जमा होने के बाद भी तकनीकी आधार पर (मानवीय भूलों) अनावश्यक कमियां निकालकर जुर्माना जमा कराया जा रहा है, जिसकी आड़ में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा है। सचल दस्तो का काम कर अपवंचना को रोकना है। जहॉ पूरा कर जमा है तकनीकी कमी अथवा मानवीय भूलों के आधार पर गाड़ी रोककर जुर्माना लगाये जाने पर रोक लगायी जाये। जिला महामंत्री संजीव आहूजा ने बताया कि जी.एस.टी. अधिनियम में 40 लाख रूपये तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त है, परन्तु विभागीय अधिकारी टारगेट पूरा करने के लिए कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का भी उत्पीड़न कर रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। 40 लाख से कम कारोबार करने वाले व्यापारियों के जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य करने पर रोक लगायी जाये। प्रदेश मंत्री अवधेश वर्मा ने कहा कि जी.एस.टी. स्लैब अधिक होने से कारोबार करने में कठिनाई आती है। जी.एस.टी. की दरों के स्लैब कम किये जायें। अधिकतम जी.एस.टी. स्लैब 18 प्रतिशत से अधिक न रखे जायें जिला उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह लाम्बा ने मांग करते हुए कहा कि एस.आई.बी. जॉच व सर्वे के समय व्यापारी को भारी धनराशि कर के रूप में जमा करने के लिए बाध्य किया जाता है। जॉच का निर्णय पूर्ण होने से पहले किसी प्रकार का कर जमा कराया जाना गलत है, जिसके लिए उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय द्वारा भी समय-समय पर आदेश पारित किये गये हैं, परन्तु जी.एस.टी. अधिकारियों द्वारा जॉच व सर्वे के समय दवाब बनाकर कर के रूप में धन जमा कराना पूर्णतयः गलत है। जॉच के समय किसी भी प्रकार के कर के रूप में धन जमा कराये जाने पर रोक लगाई जाए जिला उपाध्यक्ष दीपक सक्सेना ने जोर देते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार से नोटिस भेजकर व्यापारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है। बिना किसी विशेष कारण के व्यापारी को कार्यालय में बुलाने पर रोक लगाकर उत्पीड़न बंद किया जाए प्रतिनिधि मंडल में नगर उपाध्यक्ष संजय शर्मा, जिला उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह लाम्बा,दीपक सक्सेना, नरेश शंखधार जिला कोषाध्यक्ष अमित वैश्य, नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता , नगर महामंत्री संजय रस्तोगी, नगर युवा अध्यक्ष उझानी एम. एम.लोधी , नगर युवा मंत्री उझानी अमित साहू , दिनेश थापा, सौरभ गुप्ता, गुड्डू गुप्ता , इकरार खान, राशिद सैफी, नजाकत मौलवी, वसीम अहमद, कुलदीप वैश्य , विशाल गुप्ता आदि लोग शामिल रहे