मांझा बनाने का काम बंद होने से 45 हजार कारीगर भुखमरी की कगार पर, साढ़े तीन करोड़ का नुकसान
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बरेली। बाकरगंज में खड्ड के पास मांझा कारखाने में हुए विस्फोट के कारण तीन जिंदगियां मौत के मुंह में चली गई इसको लेकर जिला प्रशासन ने मांझा कारगारों पर लगाम कसना शुरू कर दी है जिसके कारण उनकी रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। बरेली में लगभग 45 हजार मांझा कारीगर है और लगभग 10 हजार मांझा बनाने के अड्डे लगते हैं। मांझा बनाने वाले कारीगर सो- सो रूपये लेकर गुजारा कर रहे हैं। बरेली में मांझा का काम बंद हुए एक सप्ताह हो गया इसमें लगभग साढ़े तीन करोड़ का नुकसान हो चुका है। मांझा निर्माता अरशद हुसैन ने बताया कि वह विगत 45 सालों से मांझा निर्माण का कार्य करते चले आ रहे हैं आज तक कभी कोई ऐसा हादसा नहीं हुआ बड़ी अफसोस की बात है मांझा बनाने में ऐसी कोई चीज नहीं मिलाते हैं जिससे कोई विस्फोट हो एक सप्ताह से कम बंद होने के कारण जितने मजा कारीगर है सब भुखमरी की कगार पर आने लगे हैं। मांझा निर्माता अतीक अहमद को किसने सलाह दे दी जो उन्होंने विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करके अपनी जिंदगी खत्म कर ली हम जो मांझा बनाते हैं वह सूती धागे के ऊपर पत्थर और अन्य केमिकल मिलाकर इसका लेप चढ़ाया जाता है जब से यह नायलॉन का माझा बाजार में आया है इससे लोगों को नुकसान भी हो रहा है और हम नायलॉन का मांझा नहीं बनाते हैं आज पुलिस विभाग ने हमारे काम पर रोक लगा दिया है हमारे मजदूर के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है लगभग 45 हजार कारीगर इस काम में जुटे हैं और उनके परिवार भुखमरी की कगार पर हैं माझा कारीगर कलीम खान ने बताया कि वह बाकरगंज के रहने वाले हैं और पुलिस वालों ने उनका रोजगार बंद कर दिया है यह कहा है की जांच हो रही है तो हम पुलिस विभाग से यह गुजारिश करते हैं कि जल्द जांच पूरी करके हमको मांझा बनाने की अनुमति दी जाए ताकि हमारे घरों में भुखमरी के लाले पड़े हैं उससे निजात मिल सके हम जाएं तो जाएं कहां हमारी तो रोजी-रोटी यही मांझा ही है। माझा कारीगर इरशाद अली ने बताया कि वह 32 सालों से काम करते चले जा रहे हैं मांझा बनाने में वह गेरू रंग चावल इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं कोई ऐसा केमिकल या पदार्थ इस्तेमाल नहीं करते जो इंसानों को नुकसान पहुंचा हमारा कारोबार बंद होने से हमारे आगे रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है हम पुलिस प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि हमको जल्द से जल्द मांझा बनाने की अनुमति दी जाए ताकि हमारे परिवारों को रोजी-रोटी का संकट ना हो। वर्धमान ट्रेडर्स कंपनी के सेल्स मैनेजर राकेश श्रीवास्तव ने बताया की बरेली में एक सप्ताह से मांझा बनने का काम बंद है जिसकी वजह से धागा की सप्लाई बंद हो गई है सप्लाई न होने के कारण लगभग हमारा 80 लाख का नुकसान हुआ है।