डीपीएस स्कूल में कार्यशाला हुई,साइबर अपराध से बचाव तथा सड़क सुरक्षा को जागरूक किया
बदायूँ। शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में आज एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें बच्चों व विद्यालय स्टाफ को साइबर अपराध से बचाव तथा सड़क सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
इस कार्यशाला का आयोजन सरकार द्वारा एक विशेषज्ञों की टीम तैयार कर किया गया, जिन्होंने इस कार्यशाला को होस्ट किया । इसमें विनोद कुमार वर्धन जी साइबर क्राइम इंचार्ज, आर. एल. राजपूत ट्रैफिक इंचार्ज तथा नारी शक्ति मिस पूनम यादव महिला थाना बदायूं शामिल रही। तथा इन सभी ने साइबर क्राइम से बचाव के बारे में जानकारी दी। देशभर में बढ़ते साइबर अपराध के मध्य नजर छात्र और छात्राओं को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विद्यालय में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन विद्यालय के अभिनंदन हाल में किया गया कार्यशाला में छात्राओं व शिक्षण स्टाफ को साइबर क्राइम से बचाव और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के तरीकों की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी किसी साइबर क्राइम की शिकायत आप निश्चिंत होकर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि आपके साथ कोई भी अपराध की आशंका है तो साइबर क्राइम पोर्टल पर भी आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं उन्होंने इस कार्यशाला में पोर्टल नंबर सभी के समक्ष साझा किया।
https://cybercrime.gov.in/ कार्यशाला में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को विभिन्न साइबर अपराध जैसे ऑनलाइन ठगी, हैकिंग, फिशिंग,और साइबर बिलिंग, ऐप द्वारा लोन ठगी, आदि के बारे में बताया। साथ ही इनसे बचने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए गए ।छात्र-छात्राओं को यह भी सिखाया कि वे सोशल मीडिया का उपयोग करते समय अपनी गोपनीयता और सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या शुभ्रा पांडे जी ने कहा कि आज के डिजिटल युग में बच्चों को साइबर खतरों से जागरूक करना बेहद आवश्यक है क्योंकि डिजिटल मीडिया इंटरनेट का उपयोग करने वाला सबसे पहला वर्ग बच्चे ही हैं, यह कार्यशाला छात्र छात्राओं को जागरूक बनाने के साथ-साथ जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाने में मदद करेगी। इसी के साथ-साथ छात्र- छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव हेतु एक पंपलेट दी गई जिससे वह अपने अभिभावक आसपास के लोगों को इस साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरुक कर सकें। कार्यशाला के अंत में छात्र-छात्राओं से सवाल-जवाब सत्र का आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों ने उनके सवालों का जवाब देकर उनकी आशंकाओं का समाधान किया। विद्यालय के उप प्रधानाचार्य राजीव सामंतों ने बताया कि इस कार्यशाला ने छात्र-छात्राओं को यह समझने में मदद की, कि तकनीक का उपयोग जिम्मेदारी पूर्वक कैसे किया जाए। इस प्रकार की जागरूकता पहल न केवल छात्र-छात्राओं को साइबर खतरों से बचाती है बल्कि उन्हें सतर्क और सुरक्षित डिजिटल उपयोगकर्ता बनाने में भी मदद करती है। इस मौके पर छात्र-छात्राएं व विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।