न्यायिक आयोग की टीम अगले सप्ताह फिर आएगी, अफसरों और पीड़ितों के दर्ज करेगी बयान
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संभल। न्यायिक जांच आयोग की टीम रविवार की सुबह 10.30 बजे संभल पहुंची। इसमें आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा और सदस्य पूर्व डीजीपी एके जैन शामिल थे। सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन नहीं पहुंचे।आयोग अध्यक्ष औ सदस्य ने जामा मस्जिद पहुंचकर मस्जिद कमेटी से जानकारी ली। इसके बाद जामा मस्जिद के उस इलाके में पहुंचे जहां 24 नवंबर को बवाल हुआ था। मस्जिद के आसपास घटनास्थल का मुआयना किया।जहां पुलिस और भीड़ में झड़प हुई थी मौके पर मौजूद एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बवाल की जानकारी बिंदुवार बताई। इसके बाद टीम नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा पहुंची। दोनों स्थानों का निरीक्षण किया।अधिकारियों ने आयोग की टीम को भीड़ के एकत्र होने और बवाल के बाद लौटने वाले रास्ते दिखाए। इसके टीम लोकनिर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पहुंची। वहां कुछ देर तक अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद रवाना हो गई।मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि न्यायिक आयोग की टीम ने अभी घटनास्थल का मौका मुआयना किया है। सोमवार को टीम दोबारा आएगी और बयान दर्ज करने के साथ अन्य कार्रवाई पूरी करेगी।टीम द्वारा जो सवाल पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से किए गए उनका जवाब दिया है। मस्जिद कमेटी से भी टीम ने बात की है। मालूम हो 24 नवंबर को संभल जामा मस्जिद का सर्वे होने के दौरान बवाल हो गया था। इस बवाल में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसी मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ है। सुबह 10.30 टीम संभल कोतवाली पहुंची।,सुबह 10.40 बजे जामा मस्जिद के पीछे बवाल वाले स्थान को देखा।, सुबह 10.55 बजे जामा मस्जिद में टीम दाखिल हुई।,सुबह 11 बजे टीम मस्जिद से बाहर निकल आई। कोतवाली के लिए चली गई,सुबह 11.15 बजे नखासा तिराहा पहुंची, 10 मिनट घटनास्थल देखा।सुबह 11.30 बजे हिन्दूपुरा खेड़ा टीम पहुंची।,सुबह 11.45 तक घटनास्थल की जानकारी ली।,सुबह 11.55 बजे पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस टीम पहुंची।,दोपहर 12.30 बजे एएसपी कार्यालय के लिए टीम रवाना हो गई।आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा ने संभल से जाते हुए मीडिया से कहा कि यह जांच अभी दो महीने तक चलेगी। घटना की तह तक पहुंचा जाएगा। अभी आयोग की टीम ने घटना की प्राथमिक जानकारी हासिल की है और घटनास्थल का मुआयना किया है। जिससे स्थिति को समझा जा सके। अभी तो अधिकारी व आम लोगों के बयान दर्ज होने के साथ ही अन्य कार्रवाई को पूरा किया जाना बाकी है। इसके चलते ही दो महीने का समय लगेगा।