शोध हेतु प्रेक्षण व दूरदर्शिता अनिवार्य : प्रो राजीव
शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के द्वारा “मानवजाति पर विज्ञान का प्रभाव” विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ राजीव मनोहर उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि विज्ञान ने समाज एवं मानवता के कल्याण के लिए अपरिमित योगदान किया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य होना एक ईश्वरीय वरदान है क्योंकि मनुष्य के अंदर ही यह क्षमता है कि वह ज्ञान का स्थानांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में कर सकता है।
हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में विज्ञान की बहुत सारी बातें हैं किंतु दुर्भाग्यवश हम बहुत से सिद्धांतों को आगे नहीं ला पाए। उन्होंने बताया कि मानवता के लिए सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण क्रियाकलाप आधारभूत शोध है। प्राचीन काल के मनीषी किसी एक विषय की सीमा से नहीं बंधे थे। उन्होंने कहा कि किसी शोधार्थी के अंदर बहुत सारे गुणों का होना अनिवार्य है। इन गुणों में प्रेक्षण, दूरदर्शिता, विचारशीलता एवं साहस बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों को शोध की परिभाषा से परिचित कराते हुए कहा कि एक शोधार्थी के अंदर क्या, क्यों एवं कैसे जैसे प्रश्न सदैव कौंधते रहने चाहिए। शोधार्थी को सदैव दूरदर्शिता के साथ समस्याओं पर विचार करते रहना चाहिए एवं आधारभूत सिद्धांतों को हमेशा पकड़ कर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं शोध का पहला उद्देश्य मानवता का कल्याण होना चाहिए। अपने उद्बोधन के दौरान उन्होंने आर्किमिडीज स्क्रू, वॉटरमिल, आकाशीय बिजली, भाप इंजन, विद्युत की खोज के साथ साथ न्यूटन, गैलीलियो, आर्किमिडीज, बेंजामिन फ्रैंकलिन, फैराडे आदि वैज्ञानिकों के आधारभूत सिद्धांतों एवं आविष्कारों से विद्यार्थियों को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि एक शोधार्थी को समस्या से संबंधित डाटा इकट्ठा करने के साथ-साथ उसके विश्लेषण पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान के विद्यार्थी को सदैव यह विचार मन में रखना चाहिए कि वह जो कुछ सोच एवं कर रहा है उसमें क्या नयापन है एवं उससे समाज को क्या लाभ होगा।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो आर के आजाद एवं धन्यवाद ज्ञापन उपप्राचार्य प्रो अनुराग अग्रवाल ने किया। विभागाध्यक्ष शिशिर शुक्ला के निर्देशन में हुए कार्यक्रम का संयोजन राजनंदन सिंह राजपूत एवं हर्ष पाराशरी ने किया। कार्यक्रम में प्रो आदित्य कुमार सिंह, प्रो मीना शर्मा, प्रो मधुकर श्याम शुक्ला, प्रो प्रभात शुक्ला, डॉ विनीत श्रीवास्तव, डॉ आदर्श पाण्डेय, डॉ रमेश चंद्रा, डॉ निधि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार सिंह, अमित गंगवार, डॉ संदीप दीक्षित, चंदन गोस्वामी, तुषार रस्तोगी आदि सहित विज्ञान संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।