बरेली-मौसम में बदलाव के साथ बच्चों व ह्रदय रोगियों के बीमार होने का डर बना रहता है. इसमें जुकाम और खांसी का होना आम है. मौसम में बदलाव के साथ ही हेल्थ प्रॉब्लम्स के होने का खतरा भी बना रहता है. बच्चे व ह्रदय रोगी इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं. इसलिए उन्हें बेहतर देखभाल की जरूरत होती है. इन दिनों सुबह और शाम को हल्की ठंड महसूस होने लगी है. मौसम के आने से पहले इस तरह की हवा खांसी जुकाम का बड़ा कारण होती है. वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गयास अहमद अंसारी ने बताया कि जब हमारा बॉडी टेंपरेचर वातावरण से प्रभावित होता है तो वायरल होने का खतरा बढ़ जाता है. बच्चे बिना किसी सावधानी के बाहर की हवा में चले जाते हैं जिसकी वजह से उन्हें बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है. वैसे वायरल खांसी या जुकाम से बचने के लिए घर पर ही कई तरीके आजमाए जा सकते हैं. सर्दियों के आने से पहले बदलते मौसम में बच्चे बुजुर्ग और खुद का खास ध्यान रखना जरूरी है. कोविड के बाद ज्यादातर लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है और उन्हें वायरल आसानी से हो जाता है वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोहम्मद कलीम ने बताया कि सर्दी के मौसम में हृदय सम्बन्धी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इस दौरान ब्लड प्रेशर भी घटता बढ़ता रहता है शरीर को इस हालात में गर्मी चाहिए लेकिन वातावरण ठंडा रहता है ठंड के मौसम में दवाब बढ़ जाता है जिससे हमारा दिल तेजी से धड़कने लगता है जब धड़कन तेज होती है तो दिल को पम्प करने के लिए और भी ज्यादा मात्रा में खून की जरुरत होती है यह कमजोर दिल वालों पर भारी पड़ती है इसीलिए इस दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है