बरेली में एम्स, जंतु उद्यान, लाइट मेट्रो योजना अभी चुनावी मुद्दे नहीं
बरेली। आजकल 2024 लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है पर बरेली का राजनीतिक पटल पर तो हर जगह नाम है ही।बरेली में अभी एम्स, जंतु उद्यान, लाइट मेट्रो योजना अभी चुनावी मुद्दे नहीं बन सके। सत्तापक्ष केवल प्रधानमंत्री के नाम पर 400 पार पर ही केंद्रित है । बरेली में इसलिए ही वाहन पार्किंग, लाइट मेट्रो, एम्स, जंतु उद्यान की योजना फाइल में ही सिमट कर रह गई है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते लाइट मेट्रो की योजना, सौ बेड हॉस्पिटल में सरकारी केंसर हॉस्पिटल खोलने, ई इस आई सी का सौ बेड हॉस्पिटल, जंतु उद्यान बनाने की योजनाएं भी सब भूले हुए हैं । बरेली महानगर का दुर्भाग्य है की बरेली में आज तक सरकारी मेडिकल कॉलेज, सरकारी डिग्री कॉलेज एवम बरेली कॉलेज को केंद्रीय विश्व विद्यालय का दर्जा देने को मांग सिरे नही चढ़ सकी। अलबत्ता यहां पर उद्योग-व्यापार भी खूब फला फूला। बरेली विकास प्राधिकरण की कई आवासीय योजनाएं भी जमीन पर आईं। अब नाथ सर्किट एवम पर्यटन के जरिए भी यहां के कथित विकास के नाम पर नए कोरिडोर के नाम पर मात्र डिवाइडर की ऊंचाई बढ़ाकर, पुरानी सड़को की ही लीपा पोती करके ही विकास की संभावना बनाई जा रही हैं। वाहन पार्किंग, लाइट मेट्रो की योजना फाइल में ही सिमट कर रह गई है। विकास की धीमी गति से कई योजनाएं प्रसव की पीड़ा झेल रही हैं । कभी यहां सिन्थेटिक एंड कैमिकल की रबर फैक्ट्री, विमको नाम की माचिस फैक्ट्री, आईटीआर की तारपीन फैक्ट्री, किसान कंपनी की जैम एवं जैली फैक्ट्री की धूम थी पर अब यह सब फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। रबर फेक्ट्री की जमीन का मामला कोर्ट से सरकार के पक्ष में आने से फिर एम्स खोलने की मांग उठी हैपर केवल हवा हवाई बयान ही जारी हुए। बरेली महानगर का दुर्भाग्य है की बरेली में आज तक सरकारी मेडिकल कॉलेज, सरकारी डिग्री कॉलेज एवम बरेली कॉलेज को केंद्रीय विश्व विद्यालय का दर्जा देने को मांग सिरे नही चढ़ सकी। सांसद संतोष कुमार गंगवार के प्रयास पर नौकरशाही हावी रही। वर्ष 2022 की संभावित जनगणना रिपोर्ट के अनुसार बरेली जिले की आवादी अब 54 लाख 72 हजार 071 हो चुकी है। जिसमें 29 लाख 00243 पुरूष तथा 25 लाख 71 हजार 828 महिलाएं बताई गई हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बरेली की 2022 के विधान सभा चुनाव में सात सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की जीत हुई थी। बीजेपी ने दो सीट गंवा दी । यही नहीं नगर निगम में मेयर व जिला पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा का ही बना रहा। 2022 के विधानसभा चुनाव में बरेली जिले में 32 लाख 73 हजार 298 मतदाता थे जिसमें 17 लाख 70 हजार 0015 पुरूष और 15 लाख 30 हजार 193 महिलाएं थीं। जिले में 3791 मतदान केन्द्र बनाए गऐ थे। अब लोक सभा के चुनाव में आठ बार के सांसद रहे संतोष कुमार गंगवार को गच्चा देकर बरेली के दूसरे राजनीतिक धड़े ने प्रभावी हो रहे उमेश गोतम का भी पत्ता कटवा कर बहेड़ी से बीता विधान सभा चुनाव हारे बीजेपी के कई बार रहे विधायक छत्रपाल गंगवार को मजबूरी में बीजेपी का टिकट दिला कर अपने दोनो हाथ में लड्डू रखने का प्रयास किया। बीते 7 साल में बरेली में आई. वी. आर. आई का पुल, चोपला एवम लालफटक का पुल ही बन सका था। जिस पर भी अंधेरे की समस्या आज भी बनी हुई है। नगर निगम का नया भवन भी सभासद कक्ष को छोड़ कर बन गया। कोहाड़ापीर का महादेव पुल बन से भी जाम ने पीछा नहीं छोड़ा। जी आई सी का ऑडिटोरियम भी बन गया। इसमें पहला कार्यक्रम राधेश्याम कथावाचक स्मृति के रूप में हुआ था। पटेल चौक के स्काईवॉक, अर्बन हॉट का निर्माण कार्य जारी है। लाइट साउंड शो भी सरकारी धन फूंक कर स्थान परिवर्तन के दौर में है। काफी प्रचार के बाद बरेली में लाइट मेट्रो सहित कई विकास योजनायें फाइल में कैद होने से अभी भी धरातल पर नहीं आ पाई हैं। जनप्रतिनिधि अब उन पर चर्चा भी नही करते। लोकसभा चुनाव का मतदान बरेली में सात मई 2024 को होना है । पर इन मुद्दों को छोड़ कर सत्तापक्ष प्रधानमंत्री के नाम पर ही वोट मांग रहा है। बरेली विकास प्राधिकरण ने राम गंगा नगर एवम ग्रेटर बरेली जैसी आवास योजनाएं दी । पिछले वर्ष 7 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बरेली कॉलेज मैदान पर 1459 करोड़ की 188 योजनाओं का लोकार्पण एवम शिलायन्यास किय… निर्भय सक्सेना